पीएचइडी ने संभावित बाढ़ को देखते हुए फील्ड टेस्टिंग किट से पानी की गुणवत्ता जांच करने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार के बार- बार दिशा निर्देश के बाद विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और इस बार से फील्ड टेस्टिंग किट का राज्य भर में इस्तेमाल होने लगेगा, ताकि नल जल योजना सहित अन्य जलापूर्ति योजनाओं का लाभ लेने वालों तक शुद्ध पानी पहुंच सके और बाढ़ के दौरान पानी की जांच के लिए लैब तक जाने की जरूरत नहीं पड़े.
विभाग ने फील्ड टेस्टिंग किट पहले वार्ड सदस्यों को देने का निर्णय लिया था, लेकिन पंचायत चुनाव को देखते हुए अब विभाग ने इसके लिए हर पंचायत में पांच महिलाओं को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है, जो जलापूर्ति योजना से जुड़ी है, ताकि लाभुक खुद पानी की गुणवत्ता जांच कर सकें और वह इस बात को लेकर संतुष्ट हो जाएं कि पानी बिल्कुल शुद्ध है.
विभाग के मुताबिक जांच के लिए दो तरह के किट खरीदे जायेंगे. इसके बारे में जांच करने वाली महिलाओं को ट्रेंड किया जायेगा. इस किट में पहला किट ऐसा होगा, जिससे पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक और आयरन की जांच कर सकें. साथ ही दूसरा किट ऐसा होगा, जो पानी के अंदर बैठे बैक्टीरिया की जांच कर पानी पीने के लायक है या नहीं इसकी जांच करेगा.
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राज्य में फ्लोराइड प्रभावित 3791 वार्ड, आर्सेनिक प्रभावी 4742 एवं आयरन प्रभावित करीब 21,729 वार्ड हैं. इन सभी वार्डों में लोगों को पानी से होने वाली बीमारियों से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने हर घर नल का जल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाया है, ताकि लोगों को शुद्ध पानी हर समय मिल सके. विभाग की ओर से 56067 वार्डों में नल जल योजना के तहत शुद्ध पानी पहुंचने का काम किया जा रहा है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan