नेपाल में हो रही जोरदार बारिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग की शुक्रवार को बैठक होगी, जिसमें तय होगा कि एनडीआरएफ की टीम और किस जिले में तैनात होगी. वहीं, जिन जिलों में टीम गयी है उन जिलों में जवानों ने इलाकों की रेकी शुरू कर दी है और गांव में जागरूकता अभियान भी चलाया हैं, ताकि बाढ के दौरान राहत बचाव कार्य में परेशानी नहीं हो. साथ ही बाढ प्रभावित जिलों में ड्रोन का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है.
बिहार में एनडीआर एफ की 14 टीम हैं, वहीं देवघर में एक और तीन अन्य टीम झारखंड में हैं, जो यास तूफान के दौरान राहत बचाव कार्य में वहां गयी थी. अधिकारियों के मुताबिक जरूरत पडने पर झारखंड से भी टीम को बुलाया जायेगा. अभी छह जिलों में टीम भेजी गयी है. हर टीम में 40 से अधिक जवान हैं.
बाढ के दौरान राहत बचाव कार्य में एसडीआर एफ की 14 टीम को भी जिलों में भेजा गया है. छपरा, शिवहर, गोपालगंज, पटना, बेतिया, भागलपुर, खगडिया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, वैशाली, मधेपुरा, सहरसा , मधुबनी और दो टीम बिहटा में रिजर्व रखा गया है. एक टीम में 35 लोगों से अधिक जवान हैं, जो अत्याधुनिक सुविधा से लैस है.
सभी टीमें अत्याधुनिक बांढ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स व उपकरण संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस है. टीमों में कुशल गोताखोर तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं, जो कि बाढ़ आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य में लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने में सक्षम है और बचावकर्मी सदैव तत्पर रहेंगे. वहीं, सभी कार्मिकों को कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए पी पी इ, मास्क, फेस शील्ड, फैब्रीकेटेड फेस हुड कवर, सैनिटाइजर, हैंड वॉश आदि दिया गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan