Bihar Flood: मधेपुरा/कटिहार. कोसी की सहायक नदी घघरी एवं हाहाधार नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. नदी उफान पर है. जिससे चौसा प्रखंड के फुलौत पूर्वी एवं पश्चिमी सहित मोरसंडा, चीरौरी, पैना पंचायत व निचले हिस्से के अन्य गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. इन पंचायतों के करीब पांच हजार लोगों का आवागमन के लिए सड़क संपर्क बाधित हो गया है. फुलौत पूर्वी पंचायत के धूमावती स्थान से कब्रिस्तान धार में घघरी नदी सहित अन्य जगहों पर बाढ़ का पानी फैल गया है. लोग निचले हिस्से से अपने माल मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थान के लिए पलायन कर रहे हैं. वहीं कई दुधारू पशु अभी भी पानी के बीच फंसे हुए हैं. पशुचारे के लिए पशुपालक मीलों दूर नाव से भटक रहे हैं.
घघरी धार में बढ़ गया पानी का दबाव
वहीं बड़ीखाल, करैल बासा, बरबिग्घी, पिहोरा बासा, करैलीया बासा, चीरौरी बहियार में भी पानी प्रवेश कर गया है. दूसरी ओर घघरी धार में पानी का दबाव बढ़ गया है. फुलौत पश्चिमी पंचायत में झंडापुर बासा, सपनी, मुसहरी, घसकपुर सहित अन्य गांवों के लिए सरकारी स्तर पर नाव का परिचालन कराया जा रहा है. बाढ़ को देख लोगों में काफी दहशत है. नाव पर सफर कर रहे कई ग्रामीणों ने बताया कि धूमावती स्थान से झंडापुर बासा, पनदही बासा, घसकपुर बासा, सपनी मुसहरी के लोंग बाढ़ से घिरे होने के कारण काफी परेशानी में हैं. फुलौत पूर्वी के बड़ीखाल, पिहोरा बासा, करेल बासा जाने के लिए भी नाव ही एकमात्र साधन है. लौआलगान पश्चिमी के बलोरा घाट, अजदहा घाट, महेल बहियार सहित आसपास इलाके में भी बाढ़ का पानी काफी तेजी से फैल रहा है.
पूरी तरह मुस्तैद है प्रशासन
हालांकि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. एसडीएम एसजेड हसन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर जायजा ले रहे हैं. सीओ शशिकांत यादव भी रोज बाढ़ की स्थिति से अवगत हो रहे हैं. फुलौत के कई स्थानों पर बाढ़ के पानी में स्नान कर रहे लोगों को सीओ ने ऐसा नहीं करने का आदेश दिया है. एसडीएम ने बताया कि बाढ की स्थिति सामान्य है. आवश्यकतानुसार मोटरबोट का भी परिचालन कराया जा रहा है. एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद है. सीओ शशिकांत यादव ने बताया कि बाढ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आवागमन के लिए 17 नावों को परवाना दिया गया है.
गंडक में पानी घटा, बाढ़ की स्थिति सामान्य
बगहा में गंडक बराज वाल्मीकिनगर से पानी घटने के साथ ही गंडक दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति कम होने लगी है.गंडक नदी व पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही है.जिसके चलते किसान व आम जनता ने राहत की सांस ले रही है.प्राप्त समाचार के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर घटने के साथ ही बाढ़ की स्थिति गंडक दियारा में धीरे-धीरे कम हो रही है.जनजीवन पटरी पर लौटने लगी
इन गांव में घुसा बाढ़ की पानी
गंडक बराज वाल्मीकि नगर से 1 लाख 61 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है.जिसके चलते बाढ़ की स्थिति गंडक दियारा के सोहगीबरवा, रतवल, बलुआ ,रत्नमाला ,उर्दहिया, चिरैहिया,नया गांव बिनवलिया,बगहा रेता,बगहवा आदि जगहों पर सम्मान होने लगी है.वही दियारा इलाकों में कई जगहों पर बाढ़ की पानी घटने के साथ ही कटाव शुरू हो गया है.जिससे किसानों के खेतों में लगे गन्ना व धान की फसल कट गंडक नदी में विलीन हो रही हैं .जगह-जगह बाढ़ का पानी लगने के चलते किसान के गन्ना की फसल सूखने लगा है. जिससे किसान आर्थिक रूप से परेशान है. कई किसानों जगन्नाथ यादव सदीक अंसारी, छोटे लाल कुशवाहा, नंदू कुशवाहा, धर्म महतो, ने सरकार से फसल मुआवजा की मांग भी किया है.