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Flood in Bihar: बाढ़ में फंसे बुजुर्ग को सता रहा था मौत का डर, फरिश्ते बनकर आए डीएम-एसपी, देखें वीडियो

Flood in Bihar बिहार इस समय दोहरी मार झेल रहा है. कोरोना महामारी के बीच राज्य में बाढ़ का प्रकोप हर दिन तेज होता जा रहा है. बिहार के 11 जिलों में बाढ़ ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है जिससे लगभग 13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं

पटना : बिहार इस समय दोहरी मार झेल रहा है. कोरोना महामारी के बीच राज्य में बाढ़ का प्रकोप हर दिन तेज होता जा रहा है. बिहार के 11 जिलों में बाढ़ ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है जिससे लगभग 13 लाख लोग प्रभावित हुएओ हैं. गोपालगंज, मोतिहारी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. लोग जान बचाने के लिए घर का सामान और मवेशी छोड़ नेशनल हाईवे और दूसरे ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ले रहे हैं. इस बीच बाढ़ में फंसे एक बुजुर्ग की जान खुद जिले के डीएम और एसपी ने बचाई है.

मामला पूर्वी चंपारण जिले का है, जहां बाढ़ के पानी में एक बुजुर्ग पेड़ के सहारे खुद को बचाने की कवायद में जुटा हुआ था. इसी दौरान जिले के डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर खुद उनका रेस्क्यू किया. बता दें कि पूर्वी चम्पारण के डीएम कपिल अशोक और एसपी नवीनचन्द्र झा बाढ़ के हालात देखने के लिए निकले थे, जहां उन्हें एक बुजुर्ग बाढ़ में फंसे हुए दिखा. अधिकारियों ने तुरंत ही बोट को डूब रहे व्यक्ति तक बोट ले जाने को कहा और अपने हाथों से डूब रहे बुजुर्ग को पानी से बोट पर खींच लिया.


महिला ने एनडीआरएफ की नाव में बच्ची को दिया जन्म

पूर्वी चंपारण के बाढ़ग्रस्त गांवों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव का जब समय होता है, तो उन्हें किन मुश्किलों से उन्हें गुजरना पड़ता है, इसका एहसास बाढ़ जैसी आपदा के दौरान ही होता है. रविवार को ऐसा ही एक मामला आया. बूढ़ी गंडक नदी में संचालित एनडीआरएफ की एक बचाव नौका पर सवार एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. एनडीआरएफ की टीम चिकित्सक की भूमिका में रही और पानी में बोट पर प्रसव कराकर महिला की जिंदगी बचाने में कामयाब रही. घटना रविवार की दोपहर करीब दो बजे की है.

एनडीआरएफ की टीम गोबरी गांव में बाढ़ के पानी में डूबे सगे भाई-बहन के शव को खोजबीन करने गयी हुई थी. शव की खोजबीन करने के बाद गांव में एक महिला के प्रसव पीड़ा से कराहने की सूचना मिली. इसके बाद टीम ने महिला को अपने बोट पर बैठाया और बंजरिया पीएचसी के लिए चली. रास्ते में दर्द इतना बढ़ गया कि बीच पानी में ही बोट को रोकना पड़ा और हालात को समझते हुए अन्य महिलाओं के सहयोग से चादर तान कर प्रसव कराना पड़ा. महिला ने लड़की को जन्म दिया. महिला गोबरी गांव के वार्ड छह के मुन्नीलाल महतो की पत्नी रीमा देवी है. प्रसव के बाद एनडीआरएफ व सीओ मणिकुमार वर्मा ने पीएचसी को सूचना दी, लेकिन पीएचसी के नर्स व डॉक्टर एक घंटा समय बीतने के बाद बाद वोट के पास नहीं पहुंच पाये. तब तक महिला बेहोश रही और बाद में एंबुलेंस से पीएचसी लाया गया.

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