बिहार में गंगा और कोसी सहित सोन, पुनपुन, बागमती, गंडक आदि सभी नदियों में उफान जारी है. इसे लेकर स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन की टीम लगातार गश्त कर रही है. जल संसाधन विभाग ने अपने सभी तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है. शनिवार को गंगा नदी का जलस्तर पटना के दीघाघाट, गांधीघाट और हाथीदह सहित भागलपुर के कहलगांव में पर खतरे के निशान से ऊपर था. रविवार को सोन का जलस्तर खतरे के निशान को पार करने की आशंका है.
पटना व बक्सर में गंगा का उफान
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार बक्सर में शनिवार को गंगा नदी खतरे के निशान से 84 सेंमी नीचे थी, इसमें रविवार तक 18 सेंमी कमी की संभावना है. पटना के दीघाघाट में गंगा नदी तीन सेंमी ऊपर बह रही थी. इसमें 12 सेंमी वृद्धि की संभावना है.
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पटना में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं
पटना के गांधीघाट में गंगा नदी खतरे के निशान से 66 सेंमी ऊपर थी. इसमें 10 सेंमी वृद्धि की संभावना है. पटना के हाथीदह में गंगा नदी खतरे के निशान से 35 सेंमी ऊपर थी. इसमें 24 सेंमी वृद्धि की संभावना है.
भागलपुर व अन्य जिलों की नदियां…
भागलपुर जिले के कहलगांव में गंगा नदी खतरे के निशान से 15 सेंमी ऊपर थी. इसमें 19 सेंमी वृद्धि की संभावना है. पटना जिले के मनेर में सोन नदी खतरे के निशान से छह सेंमी नीचे थी. इसमें रविवार सुबह आठ बजे तक 15 सेंमी बढ़ोतरी होकर खतरे के निशान को पार करने की आशंका है. पटना जिले के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी खतरे के निशान से 10 सेंमी नीचे थी. इसमें रविवार सुबह आठ बजे 20 सेंमी कमी की संभावना है.
सीवान, गोपालगंज व अन्य जिले की नदियां…
सीवान के दरौली में घाघरा नदी खतरे के निशान से 21 सेंमी नीचे थी. इसमें 35 सेंमी वृद्धि हो सकती है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान से 10 सेंमी ऊपर थी. इसमें नौ सेंमी वृद्धि हो सकती है. खगड़िया में बूढ़ीगंडक का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंमी ऊपर था. इसमें 54 सेंमी वृद्धि हो सकती है.
मुजफ्फरपुर, कटिहार समेत अन्य जिले की नदियां..
मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से 95 सेंमी ऊपर थी. इसमें 13 सेंमी कमी हो सकती है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 111 सेंमी ऊपर थी. इसमें 16 सेंमी वृद्धि की संभावना है. कुरसेला में कोसी नदी खतरे के निशान से 31 सेंमी ऊपर थी. इसमें 22 सेंमी वृद्धि हो सकती है. अररिया में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 56 सेंमी ऊपर था. इसमें नौ सेंमी की वृद्धि की संभावना है.