Bihar Flood: कोसी बैराज का जलस्तर लाइफ लाइन के पार, तटबंध टूटने का सताने लगा भय
Bihar Flood वर्ष 1963 में कोसी बैराज बना था. इसकी लाइफ 50 वर्ष थी. इसके बाद इसकी लाइफ 50 से बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी गयी. अब तक इसकी लाइफ 60 वर्ष पार कर चुकी है.
Bihar Flood नेपाल मे 36 घंटे भीषण बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है. नेपाल से बहनेवाली बागमती, गंडक, कोसी, लालबकिया, महानंदा आदि नदियां 95 स्थानों (नेपाल के शहर व गांव) में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न कर दी है. कोसी प्रदेश में अरुण जलाशय विद्युत परियोजना का बांध ओवर फ्लो हो गया है. कोसी बैराज का जलस्तर खतरे के निशान से 126.23 मीटर ऊपर बह रहा है. अभी तक बैराज से 5.21 लाख क्यूसेक पानी भी छोड़ा जा चुका है. इसके कारण बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
अपनी लाइफ लाइन पार कर चुका है बैराज
वर्ष 1963 में कोसी बैराज बना था. इसकी लाइफ 50 वर्ष थी. इसके बाद इसकी लाइफ 50 से बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी गयी. अब तक इसकी लाइफ 60 वर्ष पार कर चुकी है. कोसी में सिल्टेशन अधिक होता है. सिल्ट इतना हो गया है कि सभी 56 फाटक में सिल्ट भर गया है. इससे पानी का प्रवाह अपेक्षित गति में नहीं हो पाता है. 14 अगस्त, 2023 में चार लाख 62 हजार क्यूसेक पानी आया था.
इसके कारण काफी अफरातफरी मची थी. उस समय जलसंसाधन मंत्री थे संजय झा. उन्होंने वीरपुर में पत्रकारों को बताते हुए इसे मेजर खतरा बताया था. बैराज पर पूरी तरह नजर रखने की बात कही थी. बैराज की लाइफ पूरी हो जाने की भी बात कही थी. उसी दौरान उन्होंने इसका असेसमेंट करना जरूरी बताया था. कहा था कि परिस्थिति ने बैराज को लेकर अलार्मिंग स्थिति पैदा कर दी है.
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आठ बार टूट चुका है कोसी का तटबंध
पहली बार : 21 अगस्त, 1963 में सबसे पहले तटबंध नेपाल स्थित डलवा गांव में टूटा था.
दूसरी बार : 05 अक्तूबर, 1968 में तटबंध दरभंगा जिले के जमालपुर में टूटा था.
तीसरी बार : 14 अगस्त, 1971 में बांध सुपौल जिले के भटनिया गांव में टूटा था.
चौथी बार : अगस्त, 1980 में सहरसा जिले के बहुअरबा गांव में टूटा था.
पांचवीं बार : 05 सितंबर, 1984 में सहरसा जिले के हेमपुर गांव में तटबंध टूटा था.
छठी बार : 16 अगस्त, 1987 में सहरसा जिले के गंडौल गांव में तटबंध टूटा था.
सातवीं बार : 18 जुलाई, 1991 में नेपाल के जोगिनिया गांव में तटबंध टूटा था.
आठवीं बार : 18 अगस्त, 2008 में नेपाल के कुसहा में तटबंध टूटा था.
जिला प्रशासन का दावा, तटबंध है सुरक्षित
तटबंध का निर्माण वर्ष 1956 में हुआ था. जिला प्रशासन का कहना है कि तटबंध की क्षमता नौ लाख क्यूसेक पानी की है. अभी डिस्चार्ज को तटबंध की क्षमता को पार करने का कोई अनुमान भी नहीं है. इस कारण यह फिलहाल यह टूट नहीं सकता है.
इन जिलों में पड़ सकता है प्रभाव
- पूर्णिया : रुपौली की नवगछिया से सटी आठ पंचायत कोसी से प्रभावित है. कल-परसों तक बैसा, बायसी व रूपौली में इसका प्रभाव पड़ सकता है.
- खगड़िया : 22 पंचायत में बाढ़. भय बना हुआ है कोसी को लेकर. बेलदौर प्रखंड के लोग डरे हुए हैं.
- सहरसा : तटबंध के अंदर नवहट्टा की सात, महेशी की पांच, सिमरी बख्तियारपुर की तीन, सलखुआ की चार पंचायतें हैं. जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है.
- अररिया : जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. शनिवार को नूना, बकरा, रतवा, सिंघिया, परमान, बरजान, लोहंद्रा, तुरसर में पानी उफान पर है. शनिवार को मदनपुर इलाके में घरों में पानी घुस चुका है. सिकटी और कालूचौक, सिकटिया, सौरगांव, सुरसर के आसपास के गांव में पानी घुस चुका है.