Bihar Flood: पटना. बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. कोसी, गंडक, बागमती और गंगा जैसी तमाम नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. अवधारा समूह की नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. राज्य के कई तटबंधों पर पानी का भारी दबाव बना हुआ है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा तबाही लाने को बेचैन है. वैसे विभाग ने अपने सभी कर्मचारी को अलर्ट कर रखा हैं. संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं. अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं.
सितंबर के अंतिम सप्ताह में नदियों ने ढाया कहर
आपदा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिहार में बाढ़ के हालात स्थिर हैं. पिछले महीने से राज्य के 38 जिलों में से 30 में आई बाढ़ से 40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अकेले सितंबर के तीसरे सप्ताह में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से 28.34 लाख लोग प्रभावित हुए. दूसरी ओर नेपाल से गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा, कमला बलान और कई अन्य नदियों में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ से कुल 16.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे अधिक प्रभावित जिलों में दरभंगा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, और मुजफ्फरपुर शामिल हैं.
बाढ़ से हुई फसल क्षति के मुआवजे के लिए आवेदन
राज्य में प्रथम चरण में गंगा नदी में बाढ़ के पानी से लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर में फसल क्षति हुई है. प्रभावित किसानों को इनपुट अनुदान जल्द उनके खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी. कृषि विभाग पटना सहित एक दर्जन से अधिक जिलों के किसानों से इनपुट अनुदान के लिए रविवार से आवेदन लेना शुरू कर दिया है. इसके लिए 200 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है. 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर राशि देने का प्रावधान है. सिचिंत क्षेत्र में किसानों को प्रति हेक्टेयर 17 हजार और असिचिंत क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर 8500 रुपए दिये जायेंगे. कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन आने के बाद कृषि समन्वयक जांच करेंगे. कृषि समन्वयक की जांच रिपोर्ट के आधार जिला स्तर पर एडीएम आपदा द्वारा अनुशंसा के आधार पर किसानों के बैंक खाते में इनपुट अनुदान राशि भेजी जायेगी.