पटना. राज्य में शनिवार को गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक बागमती, कमला बलान, अधवारा, महानंदा व घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं. गंडक नदी का जल स्तर 1986 के बाद अब तक का अधिकतम है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी खगड़िया जिले के बलतारा में खतरे के निशान से 202 सेमी ऊपर थी.
गंडक नदी रेवा घाट में 104 सेमी व गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से 188 सेमी ऊपर था. बुढ़ी गंडक नदी लालबेगिया घाट में खतरे के निशान से 104 सेमी, सिकंदरपुर में 54 सेमी, समस्तीपुर रेल पुल के पास 57 सेमी, रोसड़ा में 145 सेमी व खगड़िया में खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही थी.
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बागमती नदी ढेंग में 99 सेमी, रुन्नीसैदपुर में 287 सेमी, बेनीबाद में एक मीटर 121 सेमी व हायाघाट में खतरे के निशान से 144 सेमी ऊपर बह रही थी. कमला बलान जयनगर में 11 सेमी व झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से 54 सेमी ऊपर था. अधवारा समूह की नदियां कमतौल में 175 सेमी व एकमीघाट में खतरे के निशान से 151 सेमी ऊपर थी. महानंदा नदी ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से 53 सेमी ऊपर थी. घाघरा नदी दरौली में खतरे के निशान से 17 सेमी व गंगपुर सिसवन में चार सेमी ऊपर थी.
गंगा नदी का जल स्तर बक्सर में शुक्रवार को 53.45 मीटर था, यह शनिवार को चार सेमी बढ़कर 54.49 मी हो गया. पटना के दीघा घाट पर 48.62 मीटर था यह 24 सेमी बढकर 48.86 मीटर हो गया. पटना के गांधी घाट पर 47.82 मीटर था इसमें 17 सेमी की बढ़ोतरी हुई यह 47.99 मीटर हो गया. गंगा के जल स्तर में हाथीदह में 41 मीटर से 27 सेमी बढ़कर 41.27 मीटर हो गया. मुंगेर में 37.16 मीटर था 30 सेमी बढ़कर 37.46 मीटर हो गया. भागलपुर में गंगा का जल स्तर 32.02 मीटर था, यह 19 सेमी बढ़कर 32.21 मीटर हो गया. कहलगांव में जल स्तर 30.79 मीटर था, यह 10 सेमी बढ़ोतरी के साथ 30.89 मीटर हो गया.
पटना. गोपालगंज जिला में गंडक नदी पर बनाए गए सारण तटबंध में लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी पानी के दबाव की वजह से दरार हो गया. यह दरार तटबंध में 87.25 किलोमीटर और 91 किलोमीटर के पास हुआ. इसके साथ ही बैकुंठपुर रिटायड लाइन 5.20 किलोमीटर सोनवलिया गांव के पास तक बंद क्षतिग्रस्त हुआ है. हालांकि जल संसाधन विभाग की टीम ने तुरंत मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है. इसके अलावा जल संसाधन विभाग ने अपने अन्य सभी तटबंधों को सुरक्षित होने का दावा किया है. शनिवार को भी गंडक नदी के पानी के दबाव से गोपालगंज जिले में सारण तटबंध और पूर्वी चंपारण जिले में चंपारण तटबंध टूट गया था. इसके साथ ही भैसही पुरैना छरकी और बंधौली, शीतलपुर, फैजुल्लाहपुर जमीनदारी बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया था. इससे करीब आधा दर्जन प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया था. इन सभी स्थलों पर भी जल संसाधन विभाग की टीम मरम्मत का काम कर रही है.
कटिहार जिले की प्रमुख नदियों के जल स्तर में उतार चढ़ाव रहा. महानंदा नदी के जल स्तर में शनिवार को भी कमी दर्ज की गयी. जबकि गंगा, बरंडी व कोसी नदी के जल स्तर में उफान जारी है. बरंडी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि अब कोसी नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. महानंदा नदी के जल स्तर में कमी के बावजूद अब भी यह नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदियों के जल स्तर में वृद्धि होने के बाद कुरसेला, समेली प्रखंड के निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. साथ ही कई फसल भी डूब चुके है. यही स्थिति कदवा, बारसोई, बलरामपुर, आजमनगर, प्राणपुर, डंडखोरा आदि प्रखंडों की है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya