कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए बिहार का स्वास्थ्य विभाग तैयारी में लगा हुआ है. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने कोविड इमरजेंसी रिस्पांस फंड प्रिपेयर्डनेस पैकेज-2 के तहत 826 करोड़ रुपये राज्य स्वास्थ्य समिति को जारी किए हैं.
पैकेज में 516 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की तरफ से और 344 करोड़ रुपये राज्य की तरफ से दिए जाएंगे. इससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के कई काम होंगे. कोरोना वायरस की चौथी लहर देश में धीरे धीरे बढ़ रही है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के केस लगातार बढ़ रहे हैं. जिसके कारण बिहार में भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है.
केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए कोविड इमरजेंसी रिस्पांस फंड प्रिपेयर्डनेस पैकेज-2 के तहत देश के अलग-अलग राज्यों के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. जिसमें से बिहार को साढ़े 13 सौ करोड़ रुपये मिलेंगे. अब तक स्वीकृत राशि में से राज्य को करीब 860 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है की प्राप्त राशि में से फिलहाल 440 करोड़ रुपये खर्च कर प्रदेश में पीडियाट्रिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. इसके साथ ही रेफरल ट्रांसपोर्ट पर सबसे अधिक काम किया जाएगा. आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार जारी राशि से सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट की स्थापना होगी. इसके साथ ही जिला अस्पतालों में बेड़ों की संख्या बढ़ाकर 42 बेड यूनिट की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है की इसके साथ ही 13 अलग-अलग स्थानों पर 100-100 बेड के फील्ड अस्पताल की स्थापना भी की जाएगी. जबकि 26 स्थानों पर 50-50 बेड के फील्ड अस्पताल बनाएं जाएंगे. जारी राशि से कोविड के इलाज में काम आने वाली दवाओं की खरीद के लिए 38 करोड़ रुपये एवं आरटी-पीसीआर, एंटीजन किट के लिए 313 करोड़ रुपये का खर्च होंगे.