बिहार की बिजली आपूर्ति कंपनियां अगले 25 वर्षों तक केंद्रीय एजेंसी एसइसीआइ (सोलर इनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) से 600 मेगावाट सोलर बिजली की खरीद करेगी. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की इससे संबंधित याचिका को मंजूरी दे दी है. यह बिजली 2.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद की जायेगी.
औसत खरीद दर से कम पर मिल रही बिजली
आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया की बेंच ने सोलर ऊर्जा के तत्काल खरीद प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए माना है कि आरपीओ लक्ष्य हासिल करने और उचित लागत मूल्य को देखते हुए यह खरीद सही है. बेंच ने कहा है कि एसइसीआइ से प्रस्तावित खरीद को लेकर खोजी गयी बिजली दर प्रतिस्पर्धी है. यह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बिजली कंपनियों (साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी) के औसत बिजली खरीद शुल्क से बहुत कम है.
आयोग ने पाया कि एसइसीआइ बिहार की बिजली आपूर्ति कंपनियों सहित विभिन्न राज्यों को भी इसी कीमत पर ऐसी बिजली बेच रहा है. इसलिए बिहार केंद्रीय विद्युत नियामक (सीइआरसी) विद्युत अधिनियम की धारा 63 के तहत खोजी गयी यह बिजली दर को अपनाने के लिए उपयुक्त है.
आरपीओ का लक्ष्य हासिल करने में मिलेगी मदद
याचिका में बिजली कंपनियों ने अनिवार्य नवीनीकरण खरीद दायित्व (आरपीओ) को पूरा करने के लिए इस खरीद को मंजूरी देने की मांग की थी. आयोग ने कहा कि याचिकाकर्ता ने वित्त वर्ष 2029-30 तक सौर ऊर्जा की अनुमानित आरपीओ आवश्यकता की गणना प्रस्तुत की है. यह निरंतर घाटे के परिदृश्य को दर्शाता है, जो साल दर साल बढ़ रहा है. बिहार के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित दीर्घकालिक आरपीओ लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भी वित्त वर्ष 2029-30 तक विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से खरीद को टाला नहीं जा सकता है.