बिहार में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित छोटे-छोटे उद्योग खोलने में अब आसानी होगी. इस तरह के उद्योगों को बढ़ावा देने चलायी जा रही प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) के तहत कारोबार शुरू करने वालों को अनुदान और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार ने अगले तीन साल की रणनीति बनायी है. इस योजना में 469 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी गयी है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पहले यह योजना कृषि विभाग की तरफ से चलायी जाती थी. इस साल से यह योजना उद्योग विभाग संचालित कर रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में अभी तक 191 नयी परियोजनाओं के लिए बैंक से लोन की मंजूरी करायी जा चुकी है. इसके लिए इसके लिए 75 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है.
जानकारी हो कि पिछले वित्तीय वर्ष में केवल 20 लोग ही इस योजना का फायदा उठा सके थे. विभागीय जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य और उन्नत योजना के तहत जीविका स्वयं सहायता समूह के 1674 लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है. इसके लिए लिए विभिन्न जरूरतों के लिए 6 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि पीएमएफएमइ येाजना के तहत छोटे-छोटे उत्पादकों को एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत वित्तीय मदद दी जा रही है. साथ में उनके प्रमोशन या ब्रांडिंग पर भी काम किया जाता है. इसी योजना की तरह ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों की तरफ से अब तक 6962 नयी परियोजनाओं के लिए लोन की मंजूरी दी गयी है. इन्हें कुल मिला कर 204.56 करोड़ रुपये दिये जाने हैं. यह राशि इसी वित्तीय वर्ष में दी जानी है.
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बियाडा औद्योगिक क्षेत्रों में 2022 में 113 नयी औद्योगिक यूनिटों ने काम शुरू किया है. अब तक नयी 129 नयी यूनिटों को बियाडा ने जमीन आवंटित कर दी है. यह प्रक्रिया लगातार जारी है. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने यह जानकारी ने अपने आफिशियल ट्विटर हैंडल पर साझा की है. साथ ही यह भी जानकारी भी दी है कि इस साल ऐसी 718 यूनिटों का जमीन आवंटन रद्द किया है, जिन्होंने केवल नाम के लिए बियाडा में जमीन आवंटित करायी थी.