बिहार सरकार ने उर्वरक संकट के लिए फिर केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है. कृषि सचिव डॉ एन सरवण कुमार ने बताया कि अक्तूबर – नवंबर में सबसे अधिक यूरिया मिलना था, लेकिन मंजूरी के बाद भी आपूर्ति पूरी नहीं मिली. केंद्र सरकार ने दोनों माह में 40- 40 फीसदी कम यूरिया भेजा. 11 जनवरी तक मात्र 68 फीसदी आपूर्ति मिली है. कृषि सचिव बुधवार को राज्य में उर्वरक की उपलब्धता, हालात और समस्या के निदान के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी दे रहे थे.
गेहूं का रकबा बढ़ा
सचिव का कहना था कि 11 जनवरी तक प्राप्त सात लाख 105 टन यूरिया के मुकाबले पाॅस स्टाॅक में यूरिया की मात्रा केवल 70 हजार 959 टन है. पिछले रबी सीजन में 22.39 लाख हेक्टेयर में गेहूं का आच्छादन था. रबी 2022- 23 में 23.78 लाख हेक्टेयर है. गेहूं का रकबा बढ़ जाने से यूरिया की जरूरत अन्य साल से अधिक है. कई जिलों में गेहूं की बुआई विलंब से हुई है, वहां यूरिया की तत्काल जरूरत है.
117 दुकानदारों पर एफआइआर , 214 का लाइसेंस रद्द
कृषि सचिव ने बताया कि 11 जनवरी तक राज्य में 6200 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापा मारा गया, 117 दुकानदारों पर एफआइआर हुई , 214 का लाइसेंस रद्द और 208 दुकानों का लाइसेंस निलंबित किया है. मौके पर कृषि निदेशक डाॅ आदित्य प्रकाश, उप निदेशक (शष्य) शिक्षा अनिल कुमार झा आदि मौजूद थे.
माह -आपूर्ति के लिए स्वीकृत मात्रा – वास्तविक आपूर्ति – प्रतिशत
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अक्तूबर 2022 – 210000 – 126670 – 60
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नवंबर 2022 – 250000 – 150485 – 60
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दिसंबर 2022 – 330000 – 319088 – 97
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जनवरी 2023 – 240000 – 103862 – 43
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कुल – 1030000 – 700105 – 68
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नोट: मात्रा टन में है
नीलगाय मारने के लिए अलग से बजट
कृषि सचिव ने बताया कि नीलगाय को मारने के लिए पंचायतों को अलग से बजट दिया जायेगा. सीएम के निर्देश पर सभी पंचायतों को अधिकार दिया गया है कि वह नीलगाय का शिकार कर सके.
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