कोरोना संकट को अवसर में बदलने की बिहार सरकार ने निकाली राह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कोरोना संक्रमण से बचाव एवं लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक संकट की स्थिति में लोगों को राहत प्रदान करने के लिए बिहार सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 28, 2020 11:30 AM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कोरोना संक्रमण से बचाव एवं लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक संकट की स्थिति में लोगों को राहत प्रदान करने के लिए बिहार सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है. सभी श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन, आपदा प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद, आश्रय विहीन व्यक्तियों के आवास की व्यवस्था, नये राशन कार्ड बनाने एवं जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने जैसे पांच महत्वपूर्ण कार्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है. सरकार आपदा को अवसर में बदलने की दिशा में काम कर रही है.

राज्य में चलायी जा रही कई योजनाओं के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा सामान्य काम-काज, सात निश्चय योजना एवं अन्य सभी संचालित योजनाओं पर तेजी से काम आगे बढ़ रहा है. अब तक चार लाख 73 हजार से अधिक योजनाओं के तहत लगभग आठ करोड़ 62 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है. रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर मजबूरी में किसी को नहीं जाना पड़े. इसके प्रति मुख्यमंत्री संकल्पित हैं. रोजगार के अधिक अवसर बिहार में उपलब्ध कराने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है. श्रमिकों को उनके स्किल के मुताबिक रोजगार मुहैया कराने के लिए एक एप भी डेवलप किया गया है. इस प्रकार एप के माध्यम से स्वत: श्रमिक को यह मैसेज चला जाता है कि उनके लिए कौन-कौन से रोजगार उपलब्ध हैं और उसके आधार पर वे काम का चयन करते हैं.

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति में हुआ संशोधन

राज्य सरकार की ओर से औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति- 2016 में संशोधन किया गया है. इस नीति की अवधि को वर्तमान समय से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा कर 31 मार्च, 2025 तक कर दिया गया है. नीति के अंतर्गत प्राथमिकता कोटि में कई अतिरिक्त ड्राइ-वेयरहाउस, कोल्ड चेन, बोटलिंग इकाइयां (खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र में), टिशु कल्चर लैब एवं क्रॉप केयर केमिकल इकाइयां, गैर कृषि संयंत्र (लघु यंत्र विनिर्माण प्रक्षेत्र में), इलेक्ट्रिक जेनरेटर, ट्रांसफार्मर एवं विद्युत वितरण तथा कंट्रोल उपकरण का निर्माण, इलेक्ट्रिक लाइटिंग उपकरण का निर्माण (सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं तथा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण प्रक्षेत्र में), फ्लाई ऐश ब्रिक्स, एएसी ब्लॉक, अाटोमोबाइल, रक्षा उपकरण निर्माण, आभूषण, खेल-कूद सामग्री (सामान्य विनिर्माण उद्योग प्रक्षेत्र में) को समावेशित किया गया है. राज्य के बाहर में अवस्थित उद्योगों का बिहार में स्थानांतरण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज एक वर्ष के लिए लाया गया है. इस पैकेज के तहत प्लांट और मशीनरी के स्थानांतरण और उनके स्थापना पर हुए व्यय के 80 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जायेगी.

खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का

कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए लोगों की ट्रैकिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं डोर टू डोर स्क्रीनिंग निरंतर की जा रही है. आइसोलेशन सेंटरों की संख्या स्वास्थ्य विभाग द्वारा बढ़ाये जा रहे हैं. शहरी क्षेत्राें में फुटपाथ पर रहने वाले व्यक्तियों, रिक्शा चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, ठेला वेंडर्स एवं अन्य जरूरतमंद लोगों की बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अनेक शहरों में आपदा राहत केंद्र चलाये गये. इनके बीच नि:शुल्क मास्क, साबुन का वितरण किया गया. ब्लॉक क्वारेंटिन सेंटरों में 15 लाख से अधिक लोगों पर प्रति व्यक्ति पांच हजार तीन सौ रुपये खर्च किये गये. मुख्यमंत्री का मानना है कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक है.

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