बिहार सरकार के पास दो प्लेन और दो हेलीकॉप्टर, अब संविदा पर होगी पायलट की नियुक्ति
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिहार में जून 2019 के बाद से निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक के पद पर कार्यरत पदाधिकारी की सेवा निवृत्ति के बाद से नयी नियुक्ति नहीं की गयी.
बिहार सरकार के पास अपने दो विमान और दो हेलीकाप्टर हैं, पर उसे उड़ाने के लिए स्थायी पायलट नहीं हैं. करीब तीन साल से सरकार के सिविल विमानन निदेशालय के वायुयान संगठन के पास अपना एक भी पायलट नहीं है. पायलट के रिक्त पदों को देखते हुए राज्य सरकार संविदा के आधार पर निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक के पद पर संविदा के आधार पर नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है. इसको कैबिनेट ने स्वीकृति दी है. इस पद पर नियुक्ति को लेकर जल्द ही विज्ञापन जारी किया जायेगा. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा इसकी नियुक्ति की जायेगी.
नौ पदों में किसी भी पद पर पायलट की नियुक्ति नहीं
सिविल विमानन निदेशालय के दो विंग हैं जिसमें वायुयान संगठन और बिहार उड्डयन संस्थान काम करते हैं. वायुयान संगठन वीआइपी व वीवीआइपी उडानों का संचालन और मेंटनेंस करता है. संगठन को संचालित करने के लिए नौ पदों की स्वीकृति दी गयी है. इसमें एक निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक, उसके नीचे अपर निदेशक संचालन सह वरीय अपर मुख्य विमान चालक का एक पद, उसके नीचे संयुक्त निदेशक सह मुख्य विमान चालक का एक पद, फिर दो राजकीय विमान चालक और चार विमान चालक के पद शामिल हैं. इन नौ पदों में किसी भी पद पर पायलट की नियुक्ति नहीं की गयी है.
2019 के बाद से नहीं हुई नयी नियुक्ति
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जून 2019 के बाद से निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक के पद पर कार्यरत पदाधिकारी की सेवा निवृत्ति के बाद से नयी नियुक्ति नहीं की गयी. इस पद को अपर निदेशक संचालन सह वरीय अपर मुख्य विमान चालक को प्रोन्नति से भरना था. नीचे के किसी भी पद पर पदाधिकारियों के नहीं रहने का परिणाम है कि अब नियमित नियुक्ति होने तक संविदा पर निदेशक संचालन सह मुख्य विमान चालक की नियुक्ति का फैसला लिया गया है.
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राज्य सरकार के पास दो प्लेन और दो हेलीकॉप्टर
राज्य सरकार के पास दो प्लेन और दो हेलीकॉप्टर हैं. इसमें से एक विमान पूरी तरह से ग्राउंड हो चुका है जबकि दूसरे विमान का ऑपरेशन कराया जा रहा है. इधर राज्य सरकार के पास दो हेलीकॉप्टर हैं जिसमें एक बहुत पहले ही ग्राउंड हो चुका है,जबकि दूसरे हेलीकॉप्टर पिछले छह माह पहले मुजफ्फरपुर में उतरने के बाद उड़ान ही नहीं भर सका. इसे बाद में ट्रक पर लादकर पटना स्टेट हैंगर में ग्राउंड कर दिया गया है. जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर से उडान भरने के लिए भाड़े का हेलीकॉप्टर लिया गया है जिसका किराया प्रति माह एक करोड़ से अधिक का है. उधर राज्य सरकार के विमान संगठन के सभी रिक्त पद होने के कारण उसकी जिम्मेवारी बिहार उड्डयन संस्थान के प्रमुख को दिया गया है.