बिहार सरकार PhD करने वालों को तीन साल के लिए देगी फेलोशिप, ऑनलाइन करना होगा आवेदन

फेलोशिप के लिए बिहार के पीएचडी के लिए नामांकन कराने वाले शोधार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसकी समूची प्रक्रिया तैयार की जा रही है. यह फेलोशिप बिहार सरकार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों, बिहार एग्रीकल्चर और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में के शोधार्थियों को दी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2022 9:07 PM

बिहार की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण शोध को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पीएचडी करने वालों को आठ से दस हजार रुपये की फेलोशिप देने जा रही है. फेलोशिप तीन साल के लिए दी जानी है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग प्रस्ताव बना रहा है. इसको डॉक्टरल फेलोशिप का नाम से भी प्रस्तावित किया जा सकता है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक फेलोशिप नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले बिहार के उन स्कॉलर को दी जायेगी जिन्हें यूजीसी से फेलोशिप नहीं मिली है. स्कॉलर के सामने शर्त यह होगी कि उनकी पीएचडी का शोध प्रस्ताव बिहार के विश्वविद्यालयों में नामांकित होने चाहिए.

20-25% शोधार्थियों को फेलोशिप दी जा सकती है

जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में हर साल औसतन 2200 शोधार्थी पीएचडी में नामांकित होते हैं. इनमें औसतन 750 महिला शोधार्थी होती हैं. जानकार बताते हैं कि इनमें से अधिकतर को यूजीसी की फेलोशिप नहीं मिली पाती है. चूंकि शुरू में राज्य सरकार फेलोशिप का दायरा सीमित संख्या में रखना चाहती है इसलिए औसतन 20-25% शोधार्थियों को फेलोशिप दी जा सकती है. दरअसल शोध का विषय और महत्ता भी फेलोशिप का क्राइटेरिया तय करेगी.

तैयार हो रहा मापदंड

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई हाल की बैठक में निर्देशित किया गया है कि सीमित संख्या में राज्य शोध फेलोशिप शुरू करें. फिलहाल फेलोशिप देने के लिए क्राइटेरिया तैयार हो रही है. दरअसल, शोध राशि किसको दी जाये इसके लिए निर्धारित मापदंड तैयार किये जा रहे हैं, ताकि पारदर्शिता पूर्ण तरीके से फेलोशिप दी जा सके.

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ऑनलाइन आवेदन करना होगा

फेलोशिप के लिए बिहार के पीएचडी के लिए नामांकन कराने वाले शोधार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसकी समूची प्रक्रिया तैयार की जा रही है. यह फेलोशिप बिहार सरकार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों, बिहार एग्रीकल्चर और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी में के शोधार्थियों को दी जायेगी. इस संदर्भ में बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के एकेडमिक अफसर डॉ गौरव सिक्का ने बताया कि राज्य सरकार की फेलोशिप योजना शानदार है. इससे शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा. राज्य में शोध का माहौल बनेगा.

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