बिहार में उद्योग विभाग ने वर्ष 2021-22 में स्वीकृत लगभग सभी योग्य लाभार्थियो को प्रथम किस्त राशि का भुगतान कर दिया है. हैरत की बात ये हैं कि बहुत से लाभार्थियों ने प्रथम किस्त लेने के 3-4 माह बाद भी उसका उपयोग नहीं किया है. इस तरह के लाभार्थियों को दी गयी पहली किस्त उद्योग विभाग वापस लेने जा रहा है. ऐसे लाभार्थियों की संख्या अच्छी-खासी है. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने अपनी मंशा से सभी लाभार्थियों को अवगत करा दिया है.
प्रधान सचिव पौंड्रिक ने काम शुरू न करने वाले लाभार्थियों को काम शुरू करने के लिए अंतिम मौका दिया है. उन्होंने कहा है कि 15 जनवरी तक राशि के उपयोगिता का प्रमाणपत्र जमा कर दिया जाए अन्यथा दी गयी प्रथम किस्त की राशि वापस ले ली जायेगी. उन्होंने लाभार्थियों को यह भी निर्देशित किया है कि उपयोगिता प्रमाणपत्र और संबंधित दूसरी औपचारिकताएं केवल ऑन लाइन पोर्टल पर ही करें. विभाग की मंशा है कि सीएम उद्यमी योजना में जिन लोगों ने भी पैसा लिया है, वे अपने प्रोजेक्ट धरातल पर उतारें, ताकि प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक व ठोस बदलाव दिखायी दे.
उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर इस संदर्भ में अपनी मंशा जाहिर की है. जानकारी के मुताबिक उपयोगिता प्रमाणपत्र में उद्यमियों को पहली किस्त के बिल और धरातल पर उतरे प्रोजेक्ट के फोटाग्राफ विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने हैं.
2021-22 में स्वीकृत लगभग सभी योग्य लाभार्थियो को प्रथम किश्त राशि दी जा चुकी है। बहुतसे लाभार्थियो द्वारा 3-4 माह बाद भी प्रथम किश्त का उपयोग नहीं किया गया है । जिन लाभार्थियो द्वारा 15 जनवरी 23 तक राशि का उपयोग कर UC एवं बिल नहीं दिया जाएगा उनसे दी गयी राशी वापस ले ली जाएगी। pic.twitter.com/GSeCrczfOR
— Sandeep Poundrik (@SandeepPoundrik) December 28, 2022
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 2021-22 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की चार श्रेणियों के लिए 62,324 आवेदन प्राप्त हुए थे. स्क्रूटनी के बाद 42,477 आवेदन रह गये थे. इनकी रैंडम सैंपलिंग कर 16 हजार लाभार्थियों का चयन किया गया है. दरअसल सीएम उद्योग योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला एवं युवा वर्ग में चार-चार लाभार्थियों का चयन किया जाना था.
उल्लेखनीय है कि इस योजना में प्रति लाभार्थी दस लाख रुपये बतौर लोन दिये जाते हैं. इनमें पांच लाख रुपये अनुदान है. शेष राशि को बेहद आसान किस्तों में बिना ब्याज के चुकाना होता है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में केवल युवाओं को एक फीसदी ब्याज देना होता है. इस योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल आवंटित बजट 1600 करोड़ निर्धारित किया गया था.