बिहार में शिक्षक नियोजन में लापरवाही बरतने वाली इकाइयों पर कसेगा शिकंजा, खंगाले जाएंगे पुराने रिकार्ड

विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेशित किया है कि फोल्डर जमा न करने वाली नियोजन इकाइयों को नोटिस दें. अंतिम बार 10 दिन का समय देते हुए तत्काल फोल्डर जमा करने के लिए बाध्य करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2022 3:33 AM

पटना. शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया हैं कि वह ऐसी नियोजन इकाइयां चिह्नित करें, जिन्होंने शिक्षक नियोजन से जुड़े फोल्डर जमा नहीं किये हैं. ऐसे फोल्डर में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक और नियुक्ति पत्र आदि की जानकारी है. दरअसल शिक्षा विभाग वर्ष 2005- 2016 के बीच के शिक्षक नियोजन में विभिन्न स्तरों पर हुई धांधली व लापरवाही में सहभागी रही नियोजन इकाइयों पर शिकंजा कसने जा रहा है.

नियोजन इकाइयों को नोटिस भेजने का निर्देश 

विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेशित किया है कि फोल्डर जमा न करने वाली नियोजन इकाइयों को नोटिस दें. अंतिम बार 10 दिन का समय देते हुए तत्काल फोल्डर जमा करने के लिए बाध्य करें. साथ ही उन नियोजन इकाइयों में नियोजन संबंधी कोई भी अभिलेख या काउंसिलिंग पंजी अथवा नियोजन इकाई की बैठक की कार्यवाही संबंधित अभिलेख उपलब्ध हासिल करें. इसके आधार पर पता लगायें कि नियोजन के समय बनायी गयी मेधा सूची का आधार क्या था?

नियोजन इकाई के सचिव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इस संदर्भ में जितने नियोजित शिक्षकों ने अभी तक त्यागपत्र दिये हैं, उसकी सूची भेजी जाये, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि त्यागपत्र दे चुके शिक्षक कहीं वर्तमान में पढ़ा तो नहीं रहे हैं. शिक्षा पदाधिकारी यह भी पता लगाएं कि जिन नियोजन इकाइयों ने फोल्डर जमा नहीं कराये हैं , उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है या नहीं. अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है , तो जरूर कराना सुनिश्चित करें. साथ ही नियोजन इकाई के सचिव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करें. इसके अलावा निगरानी विभाग की तरफ नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी तैयार करें . यह सुनिश्चित किया जाये कि संबंधित शिक्षकों की सेवा समाप्ति विभागीय नियमों के आलोक में की गयी है.

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मुख्य तथ्य 

  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक बनने वालों और उनकी धांधली में मदद करने वाली नियोजन संस्था से जुड़े 1700 लोगों पर अभी प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है.

  • निगरानी की तरफ करायी गयी कुल प्राथमिकियों की संख्या 600 सौ पार है.

  • एफआइआर में सर्वाधिक 500 एफआइआर 1500 प्राथमिक शिक्षकों पर हुई है.

  • हाल ही में विशेष पोर्टल पर करीब 90 हजार शिक्षकों ने ऑनलाइन 89799 फोल्डर्स अपलोड किये गये थे.

  • 2005- 2016 के बीच नियुक्त हुए नियोजित शिक्षकों की जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर निगरानी को दी गयी थी. उसे कुल तीन लाख फोल्डर की जांच करनी है. जांच छह साल से जारी है.

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