वज्रपात से बचाव के लिए बिहार सरकार का नया अभियान, वज्रपात सुरक्षा रथ लोगों को करेगा जागरूक
पटना के डीएम ने बताया की इस रथ का मुख्य उद्देश्य है की वज्रपात से होने वाली क्षति से बचाव के लिए राज्य की जनता को जागरूक किया जा सके. इस रथ के माध्यम से जिले के ग्रामीण इलाकों में वज्रपात या ठनका से कैसे बचे इसकी जानकारी दी जायेगी.
पटना जिले में ठनका गिरने से लोगों की मौत रोकने के लिए सरकार जागरूकता अभियान चला रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने हिंदी भवन स्थित समाहरणालय से वज्रपात सुरक्षा रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
ग्रामीण इलाकों में वज्रपात से बचाव की जानकारी दी जाएगी
डीएम द्वारा रवाना किए गए इस रथ के माध्यम से जिले के ग्रामीण इलाकों में वज्रपात या ठनका से कैसे बचे इसकी जानकारी दी जायेगी. इस रथ में जीपीएस भी लगा हुआ है. इस रथ के जरिये इंद्रवज्र एप का भी प्रचार प्रसार किया जायेगा. लोगों को बताया जायेगा कि इस एप को डाउनलोड कर आप ठनका गिरने की पूर्व चेतावनी प्राप्त कर सकते हैं.
मानव क्षति को कम से कम करना है
रथ को रवाना करने के दौरान डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि वज्रपात अन्य प्राकृतिक आपदा की तुलना में मानव जीवन का अधिक नुकसान कर रही है. वज्रपात/ठनका से बचाव के लिए प्रचार-प्रसार का मुख्य उद्देश्य वज्रपात की घटनाओं से प्रतिवर्ष होने वाली मानव क्षति को कम से कम करना है.
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वज्रपात से कितनी हुई मौत
पिछले पांच वर्षों में राज्य में वज्रपात से लगभग 1000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है. पटना वज्रपात से प्रभावित अतिप्रवण 15 जिलों में आता है. पालीगंज, दुल्हिनबाजार, फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, पंडारक एवं मोकामा प्रभावित प्रखंड हैं. पटना जिले में वर्ष 2016 से 2020 तक इससे 42 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी. वर्ष 2021 में भी 19 लोग इसके शिकार हुए. इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन संतोष कुमार झा, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन मिन्टी हर्षिता एवं अन्य भी उपस्थित थे.