बिहार: मंदिरों-मठों को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अचल- संपत्ति से जुड़ी देनी होगी ये जानकारी…
बिहार सरकार ने प्रदेश के सभी डीएम को निर्देश दिया है कि वे अपने जिला के सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्ट की अचल संपत्तियों का विवरण राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को उपलब्ध करवायें.
बिहार के सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा. बिहार सरकार ने इसको लेकर प्रदेश के सभी जिलों के डीएम निर्देश दिया है. सरकार ने इसके साथ ही प्रदेश के सभी डीएम को निर्देश दिया है कि वे अपने जिला के सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्ट की अचल संपत्तियों का विवरण भी राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को उपलब्ध करवायें. इसके साथ ही जिन मंदिरों और मठों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. उनसे उनके अचल संपत्तियों का विवरण लेकर तुरंत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) को उपलब्ध करायें. ताकि वे इसे अपने वेबसाइट पर अपलोड कर सकें.
बिहार सरकार के कानून मंत्री नितिन नवीन ने गुरुवार को यह आदेश जारी करते हुए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है. कानून मंत्री नितिन नवीन के अनुसार अभी तक केवल 18 जिलों ने ही बीएसबीआरटी को आंकड़ा उपलब्ध कराया है. शेष अन्य जिला से नहीं मिले हैं. बता दें राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आता है.
क्या कहता है कानून?
बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत पंजीकृत करना है.बीएसबीआरटी द्वारा प्रदेश के 35 जिलों से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में करीब 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं. इनके पास करीब 4321.64 एकड़ भूमि है. बिहार सरकार के विधि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या करीब 2,499 है और उनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है.
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