सारण जहरीली शराबकांड की जांच के लिए आयी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम के औचित्य पर राज्य सरकार के वाणिज्य कर मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि एनचआरसी की टीम छपरा में क्या देखने और पता लगाने आयी है, यह सरकार की समझ से परे है. सारण जहरीली शराब से हुई मौत में मानवाधिकार की किस धारा का उल्लंघन हुआ है, इस बारे में भी एनचआरसी को बताना चाहिए. आयोग का मुख्य उद्देश्य मानवाधिकार का संरक्षण, संवर्धन और उल्लंघन रोकना है.
मंगलवार को वाणिज्य कर मंत्री अपने विभागीय कार्यालय में पत्रकार वार्ता में सवालिया लहजे में कहा कि इससे पहले भी देश में शराब से मौतें हुई हैं. जहरीली शराब पीने से बिहार से अधिक मौतें भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश, हरियाण, कर्नाटक और गुजरात में हुई हैं. क्या वहां एनचआरसी की टीम जांच को गयी थी? गुजरात के मोरबी में ब्रिज टूटने से 150 से अधिक मौतें हुई थी, क्या वहां की घटना का संज्ञान एनचआरसी ने लिया था? मौके पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार मौजूद थे.
वाणिज्य कर मंत्री ने भाजपा पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में शराब की आपूर्ति किन-किन राज्यों से होती है, यह किसी से छूपा हुआ नहीं है. बिहार पुलिस भाजपा शासित राज्यों से बिहार में शराब तस्कर करने वाले लोगों और आपूर्तिकर्ता को पकड़ कर ला रही है. लेकिन, इस मुद्दे पर भाजपा के नेता मौन हो जाते हैं. उन्हें शराब पीने से मौत हो सकती है, इस बारे में जनता को जागरूक करना चाहिए. लेकिन, भाजपा गरीबों की मौत पर राजनीति कर रही है.
जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने छपरा में जहरीली शराब कांड में एनएचआरसी की टीम को जांच के लिए आने पर कहा है कि ऐसे विषयों पर केवल बिहार में टीम का आना राजनीति से प्रेरित लगता है. यदि ऐसा है तो यह गलत है. ऐसे मामलों में किसी भी संस्था या संगठन को समान रूप से देखना चाहिये और समीक्षा करनी चाहिये. ऐसी ऐसी ही घटना गुजरात में घटी और वहां यदि 150 या 200 लोगों की जान जाती है तो वहां भी टीम जानी चाहिये. उत्तर प्रदेश में यदि घटना हो तो टीम को वहां भी जाना चाहिये. उपेंद्र कुशवाहा ने यह बातें मंगलवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहीं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शराबबंदी का निर्णय सभी दलों की सहमति से हुआ था. इसमें शत-प्रतिशत सफलता नहीं मिली है. इसमें सरकार को सहयोग करने की जगह अन्य दल केवल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सदन में किसी भी विषय पर नियमसंगत तरीके से चर्चा के लिए सरकार तैयार थी, लेकिन भाजपा ने चर्चा नहीं किया. भाजपा केवल हंगामा करना चाहती थी. उनके सदस्यों ने केवल जनतंत्र की हत्या की.
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सदन में भाजपा के हठधर्मिता संबंधी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगे आरोप पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सदन नियम संगत तरीके से अध्यक्ष या सभापति की सहमति से चलता है. ऐसे में मुख्यमंत्री पर लगा आरोप गलत है. इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के मिलन समारोह में कहा कि आज की जन समस्याओं की भाजपा को कोई चिंता नहीं है. वो लोग चाहते हैं कि इसपर कोई चर्चा ही नहीं हो, क्योंकि इन मुद्दों पर चर्चा होगी तो भाजपा कहीं टिक ही नहीं पाएगी. उन्होंने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं राजकुमार झा और डॉ उद्भट्ट मिश्र का स्वागत किया.