पटना़: मनरेगा में सभी जरूरतमंदों को रोजगार देने के लिये राज्य सरकार ने श्रम बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. ग्रामीण विकास विभाग ने 30 करोड़ 28 लाख मानव दिवस के लिये बजट की मांग की है. दूसरी ओर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अन्तर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची के अपात्र लाभुकों की पहचान कर उसे रिमांड करने की समय सीमा एक सप्ताह निर्धारित कर दी गयी है.
राज्य में 14 लाख 80 हजार 483 लोगों ने मनरेगा में काम करने की रुचि दिखायी है. इनमें से अभी तीन लाख 31 हजार 736 लोगों के जॉब कार्ड नहीं बने हैं. ग्रामीण विकास विभाग का दावा है कि जल्दी ही वह जॉबकार्ड जारी कर देगा. वह चाहता है कि केंद्र सरकार मानव दिवस को बढ़ाकर 30 करोड़ 28 लाख कर दे. इसका प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया गया है. राज्य के लिए अभी 18 करोड़ मानव दिवस ही स्वीकृत हैं. ग्रामीण विकास एवं संसदीय मंत्री श्रवण कुमार ने आशा व्यक्त की है कि केन्द्र सरकार राज्य की उपलब्धि को देखते हुए उनकी मांग स्वीकार कर लेगी. 30 करोड़ 28 लाख मानव दिवस के लिये श्रम बजट में वृद्धि करेगी.
पटना़ ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री ने पीएम आवाय योजना में अपात्रों की जगह दूसरे पात्रों को लाभांवित करने के लिये अधिकारियों को सात दिन का समय दिया है. स्थायी प्रतीक्षा सूची के आधार चरणबद्ध तरीके से आवास मंजूर किये जा रहे थे. विभाग ने आवास के लिये निबंधित और स्वीकृति के लिये जो पात्रता थी, उसकी दोबारा जांच करायी थी. जियो टैगिंग के जरिये हुई इस जांच के बाद स्थायी प्रतीक्षा सूची के शामिल कई परिवार अपात्र मिले हैं. इनकी जगह प्राथमिकता सूची के अगले क्रम के लोगों को अवसर (रिमांड)दिया जाना है.
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मंत्री ने बताया कि पूर्व से तैयार प्रतीक्षा सूची के सभी अपात्र लाभुकों की पहचान कर उसका रिमांड करने के लिये सभी जिलों को एक सप्ताह का समय दिया गया है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya