बिहार में बाढ़ की समस्या से निपटने की तैयारी तेज, विधायक और विधान पार्षदों से लिया गया फीडबैक
बिहार में बाढ़ एवं सुखाड़ से निबटने के लिए जल संसाधन विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. मंत्री संजय कुमार झा ने सोमवार को विधायकों और विधान पार्षदों की फीडबैक लेने के लिए बैठक आयोजित किया.
बिहार में मौसम के व्यवहार में हो रहे बदलाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग एक जून से ही बाढ़ संघर्षात्मक कार्यों की शुरुआत करेगा. पिछले वर्षों में यह कार्य 15 जून से शुरू होता था. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सोमवार को विधायकों और विधान पार्षदों की फीडबैक प्राप्त करने के लिए आयोजित बैठक में इसकी जानकारी दी.
फीडबैक प्राप्त करने का निर्देश
बिहार में बाढ़ एवं सुखाड़ से निबटने के लिए संबंधित विभागों द्वारा किये गये कार्यों एवं आगामी तैयारियों की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 18 मई को हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की गयी थी. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायक एवं विधान पार्षद को उनके क्षेत्र में हुए कार्यों तथा तैयारियों के बारे में जानकारी देकर उस पर उनका फीडबैक प्राप्त करने के निर्देश दिये था.
जल संसाधन विभाग की विशेष बैठक
मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में जल संसाधन विभाग द्वारा 23 और 25 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रमंडलवार विशेष बैठक का आयोजन किया जा रहा है. बैठकों में प्राप्त फीडबैक के मुख्य बातों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जायेगी. उन्होंने बताया कि सोमवार को सुबह के सत्र में तिरहुत प्रमंडल, जबकि दोपहर बाद के सत्र में पटना, मगध और मुंगेर प्रमंडल के मंत्री, विधायक और विधान पार्षद इस बैठक से जुड़े थे. इसमें जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के अलावा पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन और ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने अपने-अपने विभागों के कार्यों और तैयारियों की जानकारी दी.
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संभावित बाढ़ और सुखाड़ को लेकर बैठक
वर्ष 2021 की बाढ़ के पश्चात क्षतिग्रस्त बांध, सड़क, पुल-पुलिया, डायवर्सन, आहर-पइन आदि के पुनर्स्थापन कार्य एवं वर्ष 2022 की संभावित बाढ़ तथा सुखाड़ से सुरक्षा के लिए हो रहे कार्यों व तैयारियों की जानकारी दी गयी. उन पर विधायक और विधान पार्षद से फीडबैक प्राप्त किया गया.
संभावित बाढ़ को लेकर तैयारी
ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने बताया कि 2021 की बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त अधिकतर पथों की पुनर्स्थापना कर लिया गया है. कुछ बचे हुए कार्य भी 31 मई तक पूरे कर लिये जायेंगे. पुल-पुलिया के भेंट की सफाई कर ली गयी है. विभाग द्वारा ऐसी तैयारी की जा रही है कि 2022 की संभावित बाढ़ के दौरान यदि कोई पथ खराब हुआ, तो 48 घंटे के भीतर उसे परिचालन योग्य बना लिया जाये. लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने बताया कि विभाग द्वारा जल-जीवन-हरियाली के तहत 1791 योजनाएं ली गयी हैं, जिनमें 1439 पूर्ण हो गयी हैं , जबकि 294 का कार्य पूर्णता की ओर है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan