बिहार में सरकार पहली बार किसानों से करेगी दाल की खरीद, जानें कितने क्विंटल की होगी खरीद और क्या है अंतिम तारीख

बिहार में पहली बार दाल की सरकारी खरीद होने जा रही है. सरकार लगभग पांच लाख क्विंटल दाल की खरीद करेगी. खरीद 15 अप्रैल से जिला स्तर पर की जायेगी. 5100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 4.65 लाख क्विंटल दाल खरीदने का टारगेट तय किया है. राज्य खाद्य निगम ने इसके लिए अंतिम तारीख 15 मई निर्धारित की है. केंद्र सरकार ने राज्य में पहली बार मसूर-चना की दाल खरीद की व्यवस्था की है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2021 9:27 AM

बिहार में पहली बार दाल की सरकारी खरीद होने जा रही है. सरकार लगभग पांच लाख क्विंटल दाल की खरीद करेगी. खरीद 15 अप्रैल से जिला स्तर पर की जायेगी. 5100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 4.65 लाख क्विंटल दाल खरीदने का टारगेट तय किया है. राज्य खाद्य निगम ने इसके लिए अंतिम तारीख 15 मई निर्धारित की है. केंद्र सरकार ने राज्य में पहली बार मसूर-चना की दाल खरीद की व्यवस्था की है.

दाल की सरकारी खरीद में नेफेड की भी हिस्सेदारी

मसूर 3.215 क्विंटल और चना की दाल 1.435 क्विंटल खरीदी जायेगी. सरकारी खरीद का जिम्मा राज्य खाद्य निगम को दिया गया है. जिला स्तर पर संचालित एसएफसी केंद्रों पर किसान अपनी फसल बेच सकेंगे. दाल की सरकारी खरीद में नेफेड की भी हिस्सेदारी होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के इस साल केंद्रीय बफर स्टॉक को बढ़ाने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को पिछले साल के 20 लाख मीटरिक टन दाल के मुकाबले तीन लाख मीटरिक टन दाल की अधिक खरीद करने का लक्ष्य दिया है.

दाल के बफर स्टॉक को बढ़ाने की सिफारिश का असर

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने लोगों को महंगाई से बचाने और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए दाल के बफर स्टॉक को बढ़ाने की सिफारिश की थी. राज्य में पहली बार दाल खरीद की शुरुआत को इसी सिफारिशों के रूप में देखा जा रहा है.

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चना का उत्पादन स्तर

वित्तीय वर्ष-प्रतिशत

2015 -16- 58.55

2016-17 – 66.5

2017-18 -67.18

2018- 19- 67.69

2019-20 – 38.53

मसूर का उत्पादन स्तर

वित्तीय वर्ष-प्रतिशत

2015 -16 -140.44

2016-17 -146.88

2017-18 -147.49

2018- 19 -148.03

2019-20 -90.16

(हजार टन में)

सरकारी खरीद से बढ़ेगा दलहन का क्षेत्र

मुख्य फसलों के उत्पादन स्तर की वार्षिक चक्रवृद्धि की बात की जाये, तो चना में 7.78 फीसदी गिरावट रही है. मसूर में यह गिरावट आठ फीसदी से भी अधिक है. दालों की सरकारी खरीद पहली बार होने से राज्य में दलहन का रकबा बढ़ने की उम्मीद जग गयी है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में वित्तीय वर्ष 2019-20 दलहनी फसलों ही हिस्सेदारी कुल क्षेत्रफल में 6.7 प्रतिशत थी. दलहन उत्पादन पर फोकस करने के बाद भी वित्तीय वर्ष 2015- 16 के मुकाबले 0.4 फीसदी गिरावट थी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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