पटना : केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बिहार वापस लौटने को लेकर नीतीश सरकार ने अहम फैसला लिया है. बिहार सरकार , ऐसे जो भी लोग बिहार की सीमा पर पहुंचेंगे, उनके लिए हर स्तर पर तैयारी कर रही है. इन तैयारियों को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को लगातार साढ़े पांच घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर संक्रमण के बचाव कार्यों की समीक्षा की.
बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बिहार आने की संभावाना को देखते हुए पंचायती स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर पर पूरी तैयारी का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये साथ ही इन सेंटरों पर गुणवत्तापूर्ण सुविधायें भी सुनिश्चित करने को कहा. बिहार सरकार, ऐसे जो भी लोग बिहार की सीमा पर पहुंचेंगे, उन्हें बस सेवा मुहैया कराकर उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाएगी. सीएम ने प्रवासी मजदूरों का स्किल सर्वे कराने का भी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं, जिससे उनकी छमता का उपयोग हो सके और उनके स्किल के आधार पर उन्हें काम भी दिया जा सके.
सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग को बिहार में कोरोना टेस्टिंग सेंटर की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिये हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासी मजदूरों को देखते हुए जिला स्तर पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था करने को कहा है. बता दें कि बिहार के 38 जिलों में से पांच जिले रेड जोन में शामिल हैं. वहीं, 20 जिले ऑरेंज तो 13 जिले ग्रीन जोन में है.
बता दें कि बिहार में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राज्य पटना के NMCH में शुक्रवार को कोरोना से तीसरी मौत हो गई. मृतक मोतिहारी का रहनेवाला था और उसकी उम्र 54 साल थी. मृत मरीज में 27 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव होने का रिपोर्ट आयी थी, जिसके बाद प्रशासन ने उक्त वृद्ध को नालंदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया,जहां शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई.
गौरतलब है कि बिहार में शुक्रवार को 41 नए कोरोना पॉजिटिव पाये गये है. इन मरीजों के साथ बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 466 हो गयी है. गुरुवार को बिहार में कुल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 425 थी.