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बिहार में 26 दिसंबर से लगनी है बालू खनन पर रोक, राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट जायेगी राज्य सरकार

राज्य में यदि नये बंदोबस्त धारियों द्वारा 26 दिसंबर से खनन शुरू नहीं हुआ, तो निर्माण कार्यों के लिए राज्य में बालू का संकट पैदा हो सकता है. हालांकि सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर बालू खनन शुरू करने में तीन महीने के समय की आवश्यकता बतायी जा रही है.

पटना. बिहार सरकार बालू खनन पर 26 दिसंबर से लगने वाली रोक से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करने की तैयारी कर रही है. सरकार द्वारा बहुत जल्द ही अवधि विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगायी जायेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही राज्य में 25 दिसंबर तक बालू का खनन पुराने तरीके से हो रहा है और नये डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर करीब 900 नये बालू घाटों की बंदोबस्ती हो रही है .

खनन नहीं होने पर पैदा हो सकता है बालू का संकट

राज्य में बंदोबस्ती हो चुके घाटों से खनन के लिए सिया से पर्यावरणीय मंजूरी का अभी इंतजार है. यदि नये बंदोबस्त धारियों द्वारा 26 दिसंबर से खनन शुरू नहीं हुआ, तो निर्माण कार्यों के लिए राज्य में बालू का संकट पैदा हो सकता है. हालांकि सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर बालू खनन शुरू करने में तीन महीने के समय की आवश्यकता बतायी जा रही है .

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तीन माह का दिया गया था विस्तार

हालांकि खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी कार्य विभागों को अगले छह महीने तक के लिए बालू खरीद कर उसे जमा रखने का आग्रह किया था . सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर ही बालू घाटों के पुराने बंदोबस्त धारियों को तीन माह के लिए विस्तार दिया गया था . इस तरह 16 जिले के बंदोबस्त धारियों को एक अक्टूबर से 25 दिसंबर तक के लिए राजस्व लेकर बालू खनन की अनुमति दी गयी थी . ऐसे में राज्य सरकार अब उसी मामले में एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट को सभी गतिविधियों की जानकारी देकर बालू खनन की अवधि को कुछ समय के लिए विस्तार करने का आग्रह करेगी .

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