पटना : कभी शराब के कारोबार से जुड़ कर परिवार का जीविकोपार्जन करने वाले लोगों को भी बिहार ग्रामीण विकास विभाग की ओर से लॉकडाउन की स्थिति में आर्थिक मदद पहुंचायी जायेगी. विभाग सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत पूर्व में देशी शराब, ताड़ी व्यवसाय आदि से जुड़े चिह्नित 70 हजार परिवार को इसका लाभ पहुंचाया जायेगा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस बारे में जानकारी दी.
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि अब तक राज्य में चिह्नित इन परिवारों के रोजगार एवं आजीविका संवर्धन के लिए प्रारंभिक पंजीकरण की आवश्यकता को देखते हुए सहायता कोष के तहत 39 हजार 240 परिवारों को राशि हस्तांतरित की जा चुकी है. वे अपना व्यवसाय आरंभ कर आजीविका चला रहे हैं. लॉकडाउन की स्थिति में उनकी आजीविका पर भी असर पड़ा है. इसलिए सरकार ने प्रत्येक चिह्नित गरीब परिवारों को दो हजार रुपये देने का निर्णय लिया है. अब तक 25 हजार से अधिक परिवारों को सहायता उपलब्ध कराते हुए लगभग पांच करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं.
विभिन्न जिलों में सतत जीविकोपार्जन योजना से गरीबों के भोजन की व्यवस्था के लिए राशि वितरित की जा रही है. इसके लिए विभाग की ओर से जिलावार परिवारों को चिह्नित करने का काम भी कर लिया गया है. अब तक सर्वाधिक मुजफ्फरपुर जिले में 4238, दरभंगा में 4130, कटिहार में 3817, मधुबनी में 3750, गया में 2613, वैशाली में 2377, पूर्णिया में 2153, सीतामढ़ी में 2149, मधेपुरा में 2031 तथा पटना में 2126 परिवार हैं. फिलहाल आवश्यकतानुसार सभी जिलों में इन चिह्नित परिवारों में से वन थर्ड से अधिक परिवारों को सहायता राशि उपलब्ध करा दी गयी है. अब तक दरभंगा जिले में 2161, मधुबनी में 1324, गया में 1237, कटिहार में 1146, सीतामढ़ी में 1146,वैशाली में 1098, मुजफ्फरपुर में 1073 एवं मुंगेर में 1002 परिवार शामिल हैं.
इस योजना के तहत कम परिवारों को सहायता उपलब्ध होने वाले जिलों में अररिया में 150,जमुई में 202,भोजपुर में 215, सुपौल में 202, सारण में 218, खगड़िया में 232 व भागलपुर में 264 परिवार शामिल हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा है कि जीविका के माध्यम से सभी जवाबदेह पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि संकट की इस घड़ी में सभी ग्रामीण निर्धन परिवारों की आजीविका के लिए सतत प्रयासरत रहें. सभी चिह्नित परिवारों को योजना का लाभ मिले.