बिहार सरकार का फैसला, राज्य में निवेश करने वाली कंपनियों में 20 फीसदी नौकरी प्रवासी मजदूरों को
राज्य में निवेश और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2016 में बदलाव किया है.
पटना : राज्य में निवेश और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2016 में बदलाव किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर मुहर लगी. इसके तहत बिहार में निवेश करने के लिए आने वाली बाहरी कंपनियों को मशीन, कच्चा माल आदि के परिवहन पर होने वाले खर्च का 80% (अधिकतम 10 लाख) बिहार सरकार वहन करेगी. इन कंपनियों में उत्पादन शुरू होने के बाद सरकार इसका भुगतान कर देगी. नये प्रावधानों का लाभ लेने वाली कंपनियों को 20% रोजगार प्रवासी मजदूरों को देना अनिवार्य होगा. इस तरह बिहार प्रदेश का ऐसा पहला राज्य हो गया है, जिसने औद्योगिक नीति में बदलाव कर प्रवासी मजदूरों को स्थान दिया है.
मेडिकल, ऑटोमोबाइल और फूड प्रोसेिसंग सेक्टर में संयुक्त उपक्रम
नयी औद्योगिक नीति में सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के संयुक्त निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा. संयुक्त निवेश के लिए खाद्य प्रसंस्करण, मेडिकल उपकरण और ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रस्तावित किये गये हैं. साथ ही राज्य के सभी लोक उपक्रमों को औद्योगिक क्लस्टर्स को बढ़ावा देने की जवाबदेही दी गयी है. इसके लिए उन्हें जिले भी आवंटित किये गये हैं. जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना भी शुरू की जायेगी.
पटना में ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के संचालन को होंगी 547 नियुक्तियां
कैबिनेट ने नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत पटना नगर निगम क्षेत्र के ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों के संचालन व रखरखाव के लिए 547 तकनीकी व गैर तकनीकि पदों पर नियुक्ति की मंजूरी दी है. कैबिनेट ने राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल,पटना के कॉलेज और अस्पताल की स्थापना अलग-अलग करने पर मुहर लगा दी है.
लॉकडाउन के दौरान कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज माफ
राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कॉमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिजली फिक्स चार्ज माफ कर दिया है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में यह िनर्णय लिया गया. इससे व्यवसायियों को बड़ी राहत मिली है. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और बिहार स्टील मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ने इसकी मांग की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री ऊर्जा मंत्री, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा था. इसमें फिक्स चार्ज माफी के अलावा बिजली बिल का भुगतान के लिए बिना पेनल्टी के तीन महीने की मोहलत व 12 महीने की बराबर किस्तों में भुगतान करने की अनुमति मांगी गयी थी.