Lok Sabha Election: बिहार की जनता ने कई दिग्गज नेताओ को मौके दिये, तो कई को नकारा भी है
Lok Sabha Election में हाजीपुर से रिकार्ड मतों से चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्री रामविलास पासवान, मधेपुरा से शरद यादव जैसे कददावर नेता भी चुनाव हार चुके हैं.
Lok Sabha Election बिहार के मतदाता राजनीतिक दृष्टि से काफी सजग है. काफी जोड़-घटाव गुना-भाग करके वोट करते है. यहां की जनता कई बार अति साधारण नेताओं को वोट देकर चुनाव जीता देती है, तो कई बार दिग्गज नेताओं को भी हरा देती है. मधु लिमये, वीपी मंडल, कर्पूरी ठाकुर, जार्ज फर्नाडिस, डॉ जगननाथ मिश्र, चतुरानंद मिश्र, लालू पसाद, रामसुंदर दास, रामविलास पासवान, शरद यादव, नीतीश कुमार, मीरा कुमार और शत्रुधन सिन्हा जैसे नेताओ को भी हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि, इन सभी नेताओ को बिहार के मतदाताओ ने लाखों वोट से जीत भी दिलायी है.
बिहार की बांका संसदीय सीट की वर्तमान मे भले ही उतनी चर्चा नही होती है, लेकिन इसका अतीत अक्सर देश भर की सुर्खियां बना रहता था. समाजवादी आंदोलन के तीन राष्टरीय नेता मधु लिमये, जॉर्ज फर्नाडीस और राजनारायण इस सीट सेचुनाव लड चुके है. लेकिन यहां की जनता ने एक तरफ जहां मधु लिमये जैसे नेताओं को दोबार सांसद बनाकर भेजी तो दो बार चुनाव हराया भी.यहां से जॉर्ज फर्नाडिस और राजनारायण भी चुनाव हार चुके है.वही, मधेपुरा से बीपी मंडल जैसे कददावर नेताओ को भी 1957 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे. लेकिन, कर्पूरी ठाकुर अपने जीवन मे सिर्फ एक चुनाव हारे. वह1984 का लोकसभा चुनाव था. विधानसभा चुनाव में आजीवन अजेय रहे. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में कर्पूरी ठाकुर अपनी इच्छा के विपरीत समस्तीपुर लोकसभा सीट से लोकदल प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे. उन दिनों इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर चल रही थी और कर्पूरी ठाकुर भी इस लहर की चपेट में आ गये.
वही, 1977 चुनाव में सबसे कम उम में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को 1979 में हार का सामना करना पड़ा था.पूर्व मुख्यमंत्री जगननाथ मिश्र मधुबनी से लोकसभा चुनाव लड़ थे और उन्हें वहां शिकस्त मिली थी.वही, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बाढ से हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि उन्होने दो लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. नालंदा से उन्हें जीत मिली थी.पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास भी हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते तो वहां से हारे भी.
वही, समाजवादी पृष्टभूमि के दिग्गज नेता जॉर्ज फर्नाडिस ने बांका सीट से दोबार चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वही एक बार उन्हें मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से भी हार मिली थी. हाजीपुर से रिकार्ड मतों से चुनाव जीतने वाले पूर्व मंत्री रामविलास पासवान भी चुनाव हार चुके है. शरद यादव जैसे कददावर नेता भी मधेपुरा से चुनाव हारे थे. शत्रुधन सिन्हा को भी बिहार की जनता ने एक बार नापसंद किया था.
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