कोरोना का खौफः बिहार के सबसे बड़े अस्पताल का आधा हिस्सा COVID-19 वार्ड में तब्दील
कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब आधा पीएमसीएच कोरोना वार्ड में बदल दिया जायेगा. इससे कोरोना संकट के बढ़ने की स्थिति में बड़ी मदद मिलेगी
पटना : कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. अब आधा पीएमसीएच कोरोना वार्ड में बदल दिया जायेगा. इससे कोरोना संकट के बढ़ने की स्थिति में बड़ी मदद मिलेगी. कोरोना से जंग में इसे बड़ी तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है. आधे पीएमसीएच के कोरोना वार्ड बनने के बाद फिलहाल 720 बेड कोरोना के संभावित मरीजों लिए सुरक्षित रहेंगे.
अभी यहां दो जगहों पर कोरोना वार्ड चल रहा है जिसमें कुल 120 बेड हैं. इसमें से 20 बेड काटेज में वहीं 100 बेड आइ डिपार्टमेंट के वार्ड में बनाया गया है. नये निर्णय के बाद पूर्व में चल रहे 120 बेड को मिलाकर 720 बेड का कोरोना वार्ड होगा. इसके साथ ही यहां पूर्व की तरह ओपीडी सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक चलती रहेगी. 24 घंटे की इमरजेंसी भी चलती रहेगी. पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में अभी तक कोई भी कोरोना पाजिटिव मरीज नहीं आया है. यहां अब कोरोना जांच की भी सुविधा शुरू हो गयी है. इसके साथ ही कोरोना की आशंका लेकर आने वाले संदिग्धों के लिए अलग से फ्लू काउंटर बनाया गया है.
पीएमसीएच कोरोना वार्ड में तैनात तीन डाक्टरों को नोटिस
पीएमसीएच के कोरोना वार्ड में तैनात तीन डाक्टरों को अधीक्षक डा बिमल कुमार कारक ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में शोकाज जारी किया है. इनका एक सप्ताह का वेतन काटने का भी आदेश दिया है. इसके साथ ही कोरोना वार्ड में तैनात एक नर्स और एक अन्य स्वास्थ्यकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है.
भर्ती कराये गये चार नये संदिग्ध
पीएमसीएच में शुक्रवार को कोरोना के चार संदिग्धों को भर्ती करवाया गया है. इन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. यहां अब भर्ती मरीजों की संख्या 11 हो गयी है. शुक्रवार को निगेटिव जांच रिपोर्ट आने के बाद तीन मरीजों को यहां से छुट्टी दे दी गयी. वहीं छह मरीजों की कोरोना जांच लिए सैंपल लिये गये. शुक्रवार को पीएमसीएच लैब में हुई कोरोना जांच में सारी रिपोर्ट निगेटिव आयी है.
बता दें कि पीएमसीएच माइक्रोबायोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष और राष्ट्रीय स्तर पर वायरस मामलों के जानकार प्रो़ एसएन सिंह को स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया है. इसको लेकर राज्य भर के डाक्टरों में नाराजगी देखी जा रही है. इसके साथ ही गया और सीवान के भी एक – एक डाक्टर को स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया है. इसके बाद आइएमए का एक प्रतिनिधिमंडल आज अपने अध्यक्ष डा बिमल कुमार कारक के नेतृत्व में प्रधान सचिव से मिलेगा. उनसे मांग की जायेगी कि इन डाक्टरों का निलंबन वापस लिया जाये.