बिहार: दुर्घटना वाले क्षेत्रों में एंबुलेंस से जुड़ जायेंगे अस्पताल, जानें कहां होते हैं सबसे ज्यादा हादसा

बिहार में दुर्घटना वाले क्षेत्रों के अस्पताल को एंबुलेंस से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्यभर में लगभग 14 जिले ऐसे हें, जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं.

By RajeshKumar Ojha | June 25, 2024 5:35 AM

बिहार में अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों से एंबुलेंस और अस्पताल को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्यभर में लगभग 14 जिले ऐसे हें, जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं. अगर इन क्षेत्रों घायलों को सही समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाये, तो गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को आराम से बचाया जा सकता है.परिवहन विभाग के मुताबिक हाइवे के किनारे या शहरों के आसपास के अस्पतालों में मौजूद सभी एंबुलेंस भी जरूरत पड़ने पर मरीजों को पहुंचाने जा सकेंगे. वहीं, हाइवे व सभी सड़कों पर हॉस्पिटल की दूरी लिखा जायेगा, ताकि सड़क दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से चोटिल व्यक्ति को पहुंचने में सुविधा हो सके. विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों को दिशा निर्देश भेजा है.

ट्रॉमा सेंटर को पहले से मिलेगी खबर

विभाग के मुताबिक नये नेटवर्क के तहत जिस ट्रॉमा सेंटर को जोड़ा जायेगा.इसमें पीएमसीएच सहित सभी मेडिकल कॉलेज रहेंगे. वहीं, निजी अस्पतालों को भी जोड़ा. यह निजी ऐसे अस्पताल होंगे,जो हाइवे के किनारे या आसपास में है. जब एंबुलेंस इन्हें लेकर किसी ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए जायेगी,तो वहां इसके पूर्व घटना की जानकारी दे दी जायेगी.

एक एप से जुड़ेंगे सभी एंबुलेंस नेटवर्क

राज्य के सरकारी अस्पतालों को एक एप से जोड़ा जायेगा, ताकि आपातकालीन स्थिति में घायलों को अस्पताल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हो. इसके लिए एंबुलेंस की टैगिंग होंगी. इसको लेकर विभागों को दिशा-निर्देश भेजा गया है. अधिकारियों के मुताबिक एंबुलेंस का मापदंडाें के अनुसार नियमित ऑडिट होगा, ताकि एंबुलेंस की स्थिति बेहतर रहे और मरीजों को सभी सुविधाओं के साथ अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.

इन जिलों में होती है अधिक दुर्घटना

राज्य में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं कैमूुर, सुपौल, बक्सर, मधेपुरा, कटिहार, बांका, भोजपुर, अरवल, सीवान, खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, शेखपुरा, मुजफफरपुर, रोहतास, नालंदा, मधुबनी, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया में हो रही है.

ये भी पढ़ें…

Motihari Bridge Collapse: पुल गिरने की जांच करने पहुंची एफएसएल की टीम, सबूत गायब

Next Article

Exit mobile version