उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन के मामले में बिहार देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है. यह उसकी बड़ी छलांग मानी जा रही है. नामांकन बढ़ने की वजह से शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बिहार के सकल नामांकन अनुपात (जीआइआर) में रिकाॅर्ड करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है.
जीआइआर बढ़ाने में सबसे अधिक भूमिका कॉलेजों की बढ़ी हुई संख्या रही है. एक साल में राज्य में कॉलेजों की संख्या 198 बढ़ी है. इनमें सर्वाधिक 87 कॉलेज नर्सिंग के हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट (एआइएसएचइ) की रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर जारी करेगा. जानकारी के मुताबिक बिहार के उच्च शिक्षण संस्थाओं में पिछले शैक्षणिक सत्र में 23 लाख 33 हजार 469 नामांकन हुए हैं.
नामांकन रिपोर्ट के मुताबिक बिहार देश में चौथा सबसे ज्यादा नामांकन करने वाला राज्य बन गया है. सबसे अधिक 52,93,371 नामांकन करके उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, जबकि महाराष्ट्र 40,73,968 नामांकनों के साथ दूसरे और तमिलनाडु 31,22,930 नामांकनों के साथ तीसरे स्थान पर हैं.
उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट (एआइएसएचइ ) के लिए विभिन्न राज्यों की प्रविष्टि के अध्ययन के मुताबिक पिछली साल की ऐश रिपोर्ट में कॉलेजों की संख्या 845 थी. इस साल आने वाली रिपोर्ट में बिहार में 1043 कॉलेज नामांकित हैं. प्रदेश में संबद्ध कॉलेजों की संख्या 755 , सरकारी और यूनिवर्सिटी कॉलेज कैंपस 281 , पीजी और ऑफ कैंपस सेंटर दो और रिकोग्नाइज सेंटरों की संख्या पांच है.
बढ़े 198 कॉलेजों में सर्वाधिक 87 कॉलेज नर्सिंग के हैं. नर्सिंग के अलावा होटल मैनेजमेंट में दो, पैरामेडिकल और इंस्टीट्यूट अंडर मिनिस्ट्री में एक-एक कॉलेज स्थापित किया गया है. इसके अलावा पीजीडीएम शिक्षण संस्थाओं की संख्या चार, टीचर्स ट्रेनिंग की 60 और पॉलिटेक्निक की संख्या 64 हो गयी है. ये सब स्टैंड अलॉन अर्थात केवल एक विषय या स्टीम बढ़ाने वाले शिक्षण संस्थान हैं.
फिलहाल बिहार का सकल नामांकन अनुपात (जीइआर) 14.5% से बढ़ कर जीइआर 19.3% फीसदी अनुमानित है. यह देश में सर्वाधिक वृद्धि दर बतायी जा रही है. अगर केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़ दें, तो जीआइआर में बिहार ने असम और छत्तीसगढ़ को काफी पीछे छोड़ दिया है.
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उत्तर प्रदेश 52,93,371
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महाराष्ट्र 40,73,968
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तमिलनाडु 31,22,930
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बिहार 23,33,469