पटना निगरानी के विशेष जज मनीष द्विवेदी की अदालत में विशेष निगरानी इकाई द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार कैडर 2007 के आइपीएस विवेक कुमार समेत छह लोगों के खिलाफ भादवि व पीसी एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है. निगरानी ने वर्ष 2018 में मामला दर्ज कर जांच की तो पाया कि विवेक कुमार ने पत्नी व रिश्तेदारों के नाम पर वर्ष 2007 से 2018 के बीच अवैध रूप से अकूत संपत्ति अर्जित की है.
निगरानी ने मुजफ्फरपुर स्थित इनके सरकारी आवास, यूपी के सहारनपुर स्थित पैतृक आवास, मुजफ्फरनगर स्थित ससुराल की तलाशी ली तो विजय बैंक, यूको बैंक में चार लॉकर, ससुर के नाम ओवरसीज बैंक में दो लॉकर, नकद एक करोड़ 58 लाख 85 हजार रुपये, विदेशी मुद्रा लगभग एक लाख 37 हजार, बैंकों के 21 पासबुक समेत अन्य चल व अचल संपत्तियों से संबंधित कागजात बरामद किये गये थे.
निगरानी ने इनके आय-व्यय का आकलन करते हुए कुल पांच करोड़ तीन लाख 60 हजार 73 रुपये आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप सत्य पाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया है. निगरानी ने आइपीएस विवेक कुमार के अलावा उनकी पत्नी निधि कर्णवाल, ससुर वेद प्रकाश, सास उमारानी कर्णवाल, साला निखिल कर्णवाल व उसकी पत्नी शैल कर्णवाल के खिलाफ में भादवि की धारा 120 बी, 109 व पीसी एक्ट की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया है.
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के आवास पर लगभग पांच साल पूर्व विशेष निगरानी इकाई की टीम 102 घंटे की मैराथन रेड की थी.जांच में पांच करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हुआ था.हालांकि एसवीयू ने पटना के निगरानी थाने में आय से दो करोड़ छह लाख रुपये अधिक अर्जित करने की प्राथमिकी 15 अप्रैल 2018 को दर्ज की थी. टीम ने मुजफ्फरपुर, यूपी के सहारनपुर स्थित आवास और मुजफ्फरनगर ससुराल में भी छापेमारी की थी. एसएसपी आवास से अवैध कार्बाइन बरामदगी में अलग से अज्ञात पर प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज की थी. टीम को मुजफ्फरपुर आवास से 769280 लाख कैश मिला था.
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राज्य में यह पहला मामला था, जब किसी जिले के मौजूदा एसएसपी रैंक के किसी अधिकारी के खिलाफ एसवीयू या अन्य किसी जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की थी. किसी एसएसपी आवास को पहली बार इस तरह से सर्च किया गया था.इसके पूर्व सारण के तत्कालीन डीएम आइएएस अधिकारी दीपक आनंद के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति के तहत कार्रवाई की गयी थी.