नीट सॉल्वर गैंग के खुलासे में लगी क्राइम ब्रांच की टीम ने सॉल्वर गैंग के बिहार सरगना विकास महतो और फोटो शॉपर राजू को बनारस के डूडा ऑफिस के पास से गिरफ्तार किया है. दोनों की गिरफ्तारी सारनाथ पुलिस टीम और क्राइम ब्रांच ने की है. दोनों के कब्जे से नीट से संबंधित अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेज, फोटोग्राफ, आधार कार्ड एवं एडमिट कार्ड के अलावा दो मोबाइल फोन व एक लैपटॉप भी बरामद हुआ है.
विकास कुमार महतो, बेला गांव, खगड़िया का रहने वाला है जबकि राजू कुमार, चंदवारा, जहानाबाद का रहने वाला है. उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पीके का असली नाम नीलेश कुमार पुत्र कमल वंश नारायण सिंह है. वह ग्राम सेंधवा थाना एकमा जनपद छपरा बिहार का मूल निवासी है. वर्तमान में बीएसएनएल टेलिफोन एक्सचेंज के सामने पाटलिपुत्र जिला पटना बिहार में अपने परिवार के साथ रहता है.
मालूम हो कि दूसरे की जगह परीक्षा देते पिछले रविवार को बीएचयू की बिहार की छात्रा को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था. इस कार्रवाई के बाद यूपी क्राइम ब्रांच की टीम हड़कत में आयी और अबतक सॉल्वर गैंग के बहन-भाई और मां समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गैंग के सरगना पीके के खिलाफ भी अहम जानकारी मिली है. यूपी पुलिस ने उस दौरान त्रिपुरा की हिना बिस्वास की जगह बीएचयू की छात्रा जूली को पेपर देते हुए पकड़ा था.
दीघा थाना क्षेत्र के 93 नंबर गेट में यूपी क्राइम ब्रांच की टीम को लोकेशन मिली थी कि पीके का घर उसी मोहल्ले में है. इसके बाद यूपी पुलिस ने दीघा पुलिस के साथ गुरुवार को पूरे दिन छापेमारी की. यूपी पुलिस को जानकारी मिली थी कि पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ नीलेश का घर वहीं है और उसका ड्राइवर पटना सिटी के इलाके में रहता है. यूपी पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से देर रात तक छापेमारी की है. हालांकि किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. दीघा थानाध्यक्ष ने बताया कि यूपी पुलिस पीके को खोजने आयी थी छापेमारी काफी देर चली लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी.
यूपी क्राइम ब्रांच की टीम ने जब गिरफ्तार शातिर विकास कुमार महतो से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह तीन साल पहले खगड़िया से पटना परीक्षा की तैयारी करने आया था. उसी दौरान उसकी मुलाकात पीके से हुई. जिसने मुझे परीक्षाओं में साल्वर बिठाकर परीक्षा पास कराने की तरकीब बताकर रुपये कमाने की बातें बताई और यह भी कहा कि मौका मिलने पर तुम्हारी भी परीक्षा में सॉल्वर बिठाकर नौकरी लगवा दूंगा. तब से मैं पीके के लिए काम करने लगा.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan