B’Day Special : लालू यादव के वो अनसुने किस्से जो आपको हंसाने के साथ रुलायेंगे भी
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर परिवार के सदस्यों के समेत दूसरे पार्टी के नेताओं ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाईयां दी.
पटना : राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर परिवार के सदस्यों के समेत दूसरे पार्टी के नेताओं ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाईयां दी. पत्नी राबड़ी देवी ने लालू यादव को भेजे बधाई संदेश में कहा ‘आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं. साज़िशकर्ताओं ने जेल तो भगवान श्रीकृष्ण को भी भेज दिया था. आप स्वस्थ रहें और गरीबों के सम्मान व अधिकार के लिए यूं ही लड़ते रहें. वहीं लालू के काफी करीबी माने जाने वाले बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपने ट्टवीट के साथ फोटो भी शेयर की है जिसमें वो लालू प्रसाद यादव को केक खिलाते नजर आ रहे हैं और लिखा I miss you so much papa. बता दें कि राजद अध्यक्ष को जन्मदिन की बधाई देने उनके छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रांची पहुंचे हैं.
बचपन में भूत से सामना
बता दें कि लालू प्रसाद यादव का जन्म आज ही के दिन 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज में हुआ था. अपने आत्मकथा गोपालगंज से रायसीना में लालू यादव ने लिखा है कि उनका बचपन बहुत ही गरीबी में बीता था. उनका परिवार इतना गरीब था कि उनके पास पहनने के लिए दो जोड़ी कपड़े और दोनों टाइम खाने को खाना भी नहीं हुआ करता था. अपने अत्मकथा में वह एक रोचक किस्सा साझा करते हुए बताते हैं कि बचपन में उनका सामना एक भूत से हो गया था और उन्हें गांव में ही पूजे जाने वाले बरम बाबा ने बचाया था. आज भी लालू जब भी अपने गांव जाते हैं तो उनके सामने सिर झुकाये आगे नहीं बढ़ते हैं.
राजनीति में प्रवेश
लालू यादव पिछले 30 सालों से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं, चारा घोटाले के जुर्म में पिछले करीब ढाई साल से ज्यादा समय से जेल में रहते हुए भी वे बिहार की राजनीति के केन्द्र में हैं. लालू यादव का राजनीति में प्रवेश 1960 में हुआ, शिवानन्द तिवारी ने उन्हें राजनीति में आने का मौका दिया. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा और 1977 में छपरा से सांसद बने और मार्च 1990 में उन्होंने पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया. लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. कभी इंदिरा गांधी का विरोध कर शिखर तक का सफर तय करने वाले लालू यादव कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 1 में देश के रेल मंत्री भी रहे. रेलमंत्री रहने के दौरान उन्होंने भारतीय रेलवे को घाटे से उबारा.
भले ही लालू यादव अभी भले जेल में हैं पर वह बिहार के राजनीति के केन्द्र में हमेशा रहेंगे. लालू यादव के बारे में कहा जाता है कि आप उनका विरोध हो सकते हैं और समर्थन कर सकते हैं, किंतु उन्हें नजरअंदाज करना आज भी मुश्किल है.