Bihar Land Record: बिहार में तेजी से भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. इस साल के अंत तक राज्य के सभी जमीन रिकार्ड पूरी तरह से डिजिटल हो जाएंगे. सभी जिला अभिलेखागार (Archive) डिजिटल लाइब्रेरी में बदल जाएंगे. इसका मतलब है कि अब आपको राजस्व संबंधी रिकॉर्डस के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. अब आपको जमीन से जुड़ी जानकारी बस एक क्लिक पर मिलेगी.
534 अंचल डिजिटल लाइब्रेरी में बदले जायेंगे
यह बदलाव चौथे कृषि रोड के तहत इस साल पूरा करने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य के 274 अंचलों को इस साल डिजिटल लाइब्रेरी में बदला जाएगा. इससे पहले 260 अंचलों में डिजिटल लाइब्रेरी का काम पूरा कर लिया गया है. पहले फेज में 260 और अब 274 अंचलों को मिलाकर कुल 534 अंचल डिजिटल लाइब्रेरी में बदल जायेंगे और इस पूरे प्रोजेक्ट पर सरकार करीब 25 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.
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जमीन के नक्शों की होगी जियोरेफरेंसिंग
डिजिटल लाइब्रेरी के अलावा भू-लेखों से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण पहल के तहत 30 जिलों में राजस्व ग्रामों के जमीन के नक्शों की जियोरेफरेंसिंग कराई जाएगी. इसका मतलब है कि जमीन के नक्शों को सैटेलाइट इमेज से जोड़ा जाएगा. इससे जमीन के नक्शे और भी सटीक हो जाएंगे और कहीं से भी बैठकर जमीन का सटीक मूल्यांकन किया जा सकेगा. साथ ही जमीन के आसपास की चीजें भी देखी जा सकेंगी. इससे पह 8 जिलों में यह कार्य पूरा कर लिया गया है.
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किसानों को आसानी से मिल सकेगा दस्तावेज
प्रदेश भर के सभी राजस्व गांवों के 135865 मानचित्रों का डिजिटलीकरण पहले ही हो चुका है. इससे किसानों को अपने गांव का नक्शा आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही, राजस्व मानचित्रों और चकबंदी अभिलेखों को स्कैन करने की प्रक्रिया भी अगले तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी. स्कैनिंग के बाद ये दस्तावेज ऑनलाइन भी उपलब्ध हो जाएंगे