Bihar Land Survey: भूमि सर्वे में अमीनों के कारण हो रहा सबसे ज्यादा विवाद, सचिव ने दिया एक्शन का आदेश
Bihar Land Survey: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने अमीनों के कार्यकलापों की समीक्षा करने के बाद सभी जिलों के डीएम को आदेश जारी किया है.
Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से जारी भूमि सर्वेक्षण में कई तरह से विवाद सामने आ रहे हैं. सरकार का इस योजना को लेकर अपना पक्ष है. सरकार का मानना है कि राज्य में सर्वे का काम पूरा होते ही भूमि विवाद के मामलों में कमी आएगी. लेकिन विपक्ष का मानना है कि इससे लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है कि लोगों को दिक्कत न आये. इसी बीच प्रदेश में बढ़ते भूमि विवाद के पीछे के बड़े कारणों में अमीनों की सुस्ती भी सामने आई है. इनकी धीमी गति के कारण जमीन मापी की प्रक्रिया एक महीने में पूरी नहीं हो रही. अमीनों के कामों की समीक्षा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने की तो बड़ी जानकारी सामने आई. समीक्षा में पता चला कि एक अमीन एक महीने में महज पांच से छह जमीन की मापी करते हैं. बता दें कि पिछले एक माह में राज्य के 1719 अमीनों ने कुल 9974 मामलों का ही निष्पादन किया है.
डीएम को आया आदेश
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अमीनों की काम करने की धीमी गति को गंभीरता से लिया है. सचिव जय सिंह ने इसको मसले को लेकर सभी जिलों के जिलाधिकारी से हर अमीन से एक महीने में कम से कम 15 से 20 मापी का काम पूरा करने को कहा है. इस कारण जमीन मापी की प्रक्रिया सरल होगी और भूमि विवाद के मामले कम समय में निपटेंगे.
रिपोर्ट में खुलासा
समीक्षा रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. विभाग द्वारा जमीन मापी के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है. इसमें आवेदन के दिन से मापी की रिपोर्ट देने तक के काम के लिए एक महीने की समय सीमा तय की गई है. पिछले महीने की समीक्षा में सामने आया कि अभी राज्य में जमीन की मापी के लिए कुल 77883 आवेदन आए जिसमें से 21906 निरस्त कर दिए गए. बाकी बचे 55977 आवेदन में से एक माह में 9974 लोगों को ही जमीन मापी की रिपोर्ट दी गई. इसकी मुख्य वजह अमीनों की सुस्त रवैया है.
इसे भी पढ़ें: Patna Metro : पटना के मलाही पकड़ी से होगी मेट्रो की शुरुआत, रास्ते में होंगे 26 स्टेशन, इस दिन दौड़ेगी पहली मेट्रो