Bihar Land Survey: सहायक बंदोबस्त अधिकारी होंगे जमीन सर्वे में शिविर प्रभारी

bihar land survey सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी यानी शिविर प्रभारी ही भू-धारियों से प्राप्त स्वघोषणा संबंधी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे. रैयतों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने या विवाद की स्थिति में गैर सत्यापित और विवादग्रस्त भूमि के ब्योरों को सत्यापित करेंगे.

By RajeshKumar Ojha | August 30, 2024 7:18 AM
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bihar land survey राज्य में जमीन सर्वे शुरू हो चुका है. इसमें शुरुआती तौर पर भू-धारियों के दस्तावेजों की जांच, जमीन की चौहद्दी या सीमांकन की जांच, जमीन के नक्शे की जांच आदि काम की जिम्मेदारी सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी को दी गयी है. प्रत्येक प्रखंड में बनाये गये सर्वे शिविर में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की (एएसओ) तैनाती की गयी है और उन्हें शिविर प्रभारी बनाया गया है.

इनके ऊपर प्रत्येक जिले में बंदोबस्त पदाधिकारी (एसओ) की तैनाती की गयी है. किसी जिला में सर्वे में किसी विवाद का निराकरण करने की जिम्मेदारी बंदोबस्त पदाधिकारी को दी गयी है. ऐसे में किसी भू-धारी को यदि सर्वे को समझने में शुरुआती समस्या आ रही है तो वे विभाग की वेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in/services से तो जानकारी ले ही सकते हैं, साथ ही शिविर प्रभारी से भी संपर्क कर सकते हैं.

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी यानी शिविर प्रभारी ही भू-धारियों से प्राप्त स्वघोषणा संबंधी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे. रैयतों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने या विवाद की स्थिति में गैर सत्यापित और विवादग्रस्त भूमि के ब्योरों को सत्यापित करेंगे. इसके साथ ही रैयतों द्वारा समर्पित वंशावली का सत्यापन सहित विशेष सर्वेक्षण शिविर अंतर्गत आने वाली सभी सरकारी भूमि का ब्योरा प्राप्त कर उनके संरक्षण की कार्रवाई करना भी उनकी ही जिम्मेदारी है.

सीमा निर्धारण की समस्याएं दूर करना

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का ही त्रि-सीमाना और यूनिक बाउंड्री निर्धारण से संबंधित कार्य का पर्यवेक्षण सहित बाउंड्री निर्धारण की बाधाओं को दूर करने की जिम्मेदारी दी गयी है. इसके लिए वे आवश्यक दिशा-निर्देश दे सकेंगे. इसके साथ ही किस्तवार प्रक्रिया में एप्रियल एजेंसी और अमीन द्वारा किये गये सीमांकन कार्य का सत्यापन सहित 10 प्रतिशत भू-खंडों की जांच भी सहायक बंदोबस्त अधिकारी के माध्यम से होगी.

इसके साथ ही खेसरा पंजी में दर्ज प्रविष्टियों के अतिरिक्त अमीन डायरी की नियमित जांच, खानापूरी पर्चा और लैंड पार्सल मैप (एलपीएम) के विरुद्ध प्राप्त आपत्तियों में सरकारी भूमि से संबंधित दावों या आपत्तियों की सुनवाई कर उनका निर्णय करना भी सहायक बंदोबस्त अधिकारी ही करेंगे. अधिकार अभिलेख के प्रारूप प्रकाशन के पूर्व रैयतों से प्राप्त आपत्तियों को सुनवाई के बाद पारित आदेश के अनुसार अधिकार अभिलेख में संशोधन करवाने में उनकी अहम भूमिका होगी.

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