Bihar Land Survey: गांव-गांव में गूंज रही भूमि सर्वेक्षण की गूंज, नुक्कड़ नाटकों से जागरूक हो रहे लोग
Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नुक्कड़ नाटकों की अनूठी पहल शुरू की है. गांवों में आयोजित इन नाटकों के जरिए सर्वे प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया जा रहा है, जिससे लोग जागरूक हो रहे हैं.
Bihar Land Survey: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार में भूमि सर्वेक्षण की जानकारी जन-जन तक सरल भाषा में पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का आयोजन शुरू किया है. 29 जनवरी से यह अभियान मोतिहारी, बेतिया, सारण, सहरसा, रोहतास, आरा और पटना में प्रारंभ हुआ. जबकि शेष जिलों में 30 और 31 जनवरी को इसकी शुरुआत हुई. इस पहल के तहत जनवरी माह के अंत तक बिहार के सभी 38 जिलों में नुक्कड़ नाटकों का मंचन प्रारंभ हो चुका है.
नाटकों के आयोजन की रूपरेखा
इस योजना के तहत प्रत्येक अंचल में 6 नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन किया जाना है. इसमें 2 नाटक अंचल कार्यालय या सर्वे शिविर में आयोजित होंगे, जबकि शेष 4 नाटक ग्रामीण इलाकों में होंगे. इन स्थलों का चयन संबंधित अंचल अधिकारियों द्वारा किया गया है. फरवरी महीने के अंत तक इस अभियान को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
कलाकारों की सहभागिता और नाट्य प्रस्तुतियां
इस कार्यक्रम में कुल 60 नाटक मंडलियां शामिल हैं, जिनमें 25 मंडलियां दक्षिण बिहार और 35 उत्तर बिहार में प्रस्तुतियां दे रही हैं. प्रत्येक मंडली में 10 कलाकार हैं, जो ढोलक, झाल और हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुति दे रहे हैं. नाटक के माध्यम से भूमि सर्वेक्षण की पूरी प्रक्रिया को समझाने का प्रयास किया जा रहा है.
ग्रामीण जनता का उत्साह और भागीदारी
नाटकों को लेकर ग्रामीण जनता में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. लोगों की भारी भीड़ नाटकों को देखने उमड़ रही है. नाटक समाप्त होने के बाद नागरिकों द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जा रहे हैं. लोगों की जिज्ञासा को देखते हुए शिविर प्रभारियों ने कानूनगो और सर्वे कर्मियों को नाटकों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है, ताकि जनता के प्रश्नों का तत्काल उत्तर दिया जा सके.
प्रशासनिक सहयोग और समन्वय
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी अंचल अधिकारियों को नाटक मंडलियों को पूर्ण सहयोग देने के निर्देश दिए हैं. इनके आवासन और सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र जारी किया गया है. प्रत्येक अंचल को यह भी निर्देशित किया गया है कि 6 स्थानों पर नाटकों के सफल संचालन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें.