Bihar Land Survey: राज्य के सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) अपने-अपने न्यायालय में आये दाखिल खारिज सहित सभी राजस्व संबंधी वादों का निष्पादन निर्धारित समयसीमा में करने की कोशिश करें. बीएलडीआर एक्ट के तहत 90 दिन और दाखिल खारिज अपील के लिए 30 दिन की समयावधि निर्धारित है. यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने शनिवार को भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं के लिए आयोजित तीसरे बैच के दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुये दिया है. इस प्रशिक्षण सत्र का आयोजन शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में किया गया था.
विभाग की छवि हो रही धूमिल : मंत्री
मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि हॉल में उपस्थित डीसीएलआर से उनके न्यायालय में लंबित मामलों का कारण पूछा. डॉ जायसवाल ने कहा कि बिना उचित कारण के और लंबे समय तक वादों को लटकाए रखने की प्रवृत्ति से विभाग की छवि धूमिल हो रही है. साथ ही कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं. यह अधिकारियों की कमजोर इच्छा शक्ति का परिचायक भी है. उन्होंने कहा कि कोई जटिल समस्या होने या किसी गंभीर वाद मामला होने पर जरूरत पड़े तो वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लेने के बाद निर्णय लेना चाहिये. जरूरी होने पर विधिक परामर्श भी ले सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक किसी भी विषय को लंबित नहीं रखें.
निर्णय की गुणवत्ता बनाये रखने का निर्देश
मंत्री डॉ जायसवाल ने कहा कि भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने निर्णय की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए. अगर आपका निर्णय तर्कसंगत होगा, एक्ट और रूल्स पर आधारित होगा तभी आपके फैसले राजस्व और सिविल न्यायालयों में टिक पायेंगे. ऐसा नहीं होने पर आपके साथ विभाग की भी बदनामी होगी. इस दौरान प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुए विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को बहुत सारे अधिनियमों के तहत काम करने पड़ते हैं. उनके निर्णयों को न्यायालयों में परखा जाता है. विभाग नहीं चाहता कि इनके निर्णय त्रुटिपूर्ण हों, इसलिए इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जा रहा है.
अंचल कार्यालयों के नियमित निरीक्षण का निर्देश
डीसीएलआर के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुये मंत्री डॉ जायसवाल ने सभी डीसीएलआर को नियमित तौर पर अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि खासकर राजस्व कर्मचारियों के कार्यों पर बारिकी से नजर रखें. मंत्री डॉ जायसवाल ने कहा कि ऐसा करने से अंचल अधिकारी और राजस्व अधिकारी को भी यह डर हाेगा कि कोई है, जो उन पर बारिकी से नजर रख रहा है.
राजस्व के जानकारों का बनेगा पैनल
मंत्री डॉ जायसवाल ने बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह को राजस्व विशेषज्ञों का एक पैनल तैयार करने का निर्देश दिया. इस पैनल में राजस्व से संबंधित जानकार होने से जरूरत पड़ने पर भूमि सुधार उप समाहर्ता भी सलाह ले सकेंगे. इससे वादों का निष्पादन तेजी से होगा और लंबित मामलों में कमी आयेगी.
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