Bihar Land Survey जमीन की शुरू हुई सर्वेक्षण के बीच अपने बाप-दादा की पैतृक संपत्ति बांटने को लेकर एक तरफ गांवों में विवाद बढ़ रहा है. दूसरी तरफ, आपसी सहमति होने पर वर्तमान पीढ़ी कई पुश्त पीछे के पुश्तैनी जमीन की रजिस्टर्ड बंटवारा कर रहे हैं. खुद से शिड्यूल तैयार कर लोग रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच पूरी प्रक्रिया की जानकारी हासिल कर रहे हैं. हालांकि, रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़ इतनी रहती है कि लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है.
आधी-अधूरी जानकारी मिलने के कारण लोग चाह कर भी अपनी पैतृक संपत्ति की रजिस्टर्ड बंटवारा नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, प्रभात खबर ने लोगों के इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारी से बातचीत की है. अधिकारियों के अनुसार, पारिवारिक बंटवारा के लिए 50-100 रुपये के नन ज्यूडिशियल स्टांप की आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा 1000 रुपये का निबंधन व दस्तावेज स्कैन शुल्क रजिस्ट्री ऑफिस में बैंक चालान के माध्यम से जमा करना पड़ता है.
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इसके बाद सामान्य रजिस्ट्री की तरह इसकी भी प्रक्रिया पूरी होती है. इससे पहले पैतृक संपत्ति की पूरी विवरणी पारिवारिक सदस्यों को ही तैयार करना पड़ता है. पैतृक संपत्ति का खतियान व पारिवारिक वंशावली जिनके नाम पर खतियान है. उनसे लेकर अब तक यानी जिनके नाम पर जमीन का बंटवारा होगा, वहां तक का वंशावली आवश्यक है. पैतृक संपत्ति की पारिवारिक बंटवारा तब संभव हाेगा, जब खतियान जिनके नाम पर है, उनकी मृत्यु हो चुकी है. बंटवारा के समय डेथ सर्टिफिकेट या मृत्यु होने का प्रमाण देना आवश्यक है.
आपसी बंटवारा में इन 06 कागजात की पड़ेगी जरूरत
1. लगान रसीद की छायाप्रति : यह जिस मौजा की जमीन होती है, उस मौजा का राजस्व कर्मी जारी करता है. इसके लिए निर्धारित मालगुजारी सरकारी खजाना में जमा कराना होता है.
2. भूमि से संबंधित दस्तावेज ( केवाला, खतियान आदि) : जिस जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं, उस जमीन से संबंधित खरीदगी के कागजात को केवाला कहते हैं. यह रजिस्ट्री कार्यालय से जारी किया जाता है. दूसरी ओर, जमीन खरीदगी के बाद उसे राजस्व विभाग में दर्ज कराना होता है, जहां से खरीदार को एक वैध कागजात जारी किया जाता है. इसे ही खतियान कहते हैं.
3. वंशावली : जिस व्यक्ति के नाम की जमीन है, उसके पुत्रों-पुत्रियों, पुत्रों के पुत्रों- पुत्रियों आदि को एक कागज पर सिलसिलेवार तरीके से लिखना वंशावली कहलाता है. सरपंच, वार्ड पार्षद के हस्ताक्षर से निर्गत वंशावली या फिर नोटरी से सर्टिफाइड शपथ पत्र की आवश्यकता पड़ेगी.
4. जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाण-पत्र : राजस्व विभाग से जारी जमीन के वैध पत्र धारक को रैयत कहते हैं. मृत्यु के पश्चात उनका मृत्यु प्रमाण पत्र होना जरुरी है.
5. आधार कार्ड : जिन-जिन के नाम पर जमीन का बंटवारा होगा.
6. सभी हिस्सेदारों की लिखित सहमति : जिनके-जिनके नाम पर जमीन का बंटवारा होगा, उन सभी की लिखित सहमति व रजिस्ट्री के समय ऑफिस में उपस्थिति अनिवार्य है.