Bihar Land Survey: दाखिल खारिज को लेकर रैयत न करें टेंशन, जमीन सर्वे के दौरान करना होगा बस ये काम

Bihar Land Survey: दाखिल खारिज को लेकर रैयतों को किसी प्रकार की चिंता करने की बात नहीं है. अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं है, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) नहीं है, तो उससे फर्क नहीं पड़ेगा.

By Ashish Jha | August 25, 2024 11:44 AM
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Bihar Land Survey:पटना. बिहार सरकार पूरे राज्य में भूमि सर्वे करा रही है. रैयतों के बीच सबसे बड़ी चिंता दाखिल खारिज को लेकर है. अधिकतर रैयतों का कहना है कि जमीन उनके बाप-दादा के नाम पर है. कई रैयतों के पास केवाला (जमीन रजिस्ट्री) दस्तावेज तो है, लेकिन जमीन आज भी पुराने रैयत के नाम पर ही है. जमीन का म्यूटेशन अब तक नहीं हुआ. भू राजस्व विभाग का इस मामले में साफ तौर पर कहना है कि दाखिल खारिज को लेकर रैयतों को किसी प्रकार की चिंता करने की बात नहीं है. अगर किसी जमीन की रसीद अपडेट नहीं है, तो पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) नहीं है, तो उससे फर्क नहीं पड़ेगा.

सपोर्टिंग दस्तावेज से चल जायेगा काम

पुश्तैनी जमीन पर दावा करने के लिए वंशावली की जरुरत होगी. सर्वे कर्मी जमीन का सपोर्टिंग दस्तावेज तभी मांगेंगे, जब पेश किये गये मुख्य दस्तावेज में त्रुटि या कमी होगी. अगर जमीन से संबंधित कोई कागजात नहीं हैं, तो उसे सर्वे कराने के पहले अपनी जमीन के कागजी प्रमाण जुटा लेने होंगे. इसके बाद के 30 दिनों में किस्तवार जमीन के मैप का निर्धारण और ग्राम सीमा का सत्यापन, हवाई सर्वेक्षण एजेंसी के स्तर से मानचित्र को अपडेट करना होगा. सभी खातों का सत्यापन कर हर खेसरा की नंबरिंग एव रैयतवार खेसरा का निर्माण किया
जाएगा.

कहां से करेंगे फॉर्म डाउनलोड

विभाग ने ऑन लाइन आवेदन और जरूरी कागजात दस्तावेजों को डाउनलोड करने के लिए वेबसाइट का एड्रेस भी जारी कर दिया है. राजस्व विभाग की वेबसाइट land.bihar.gov.in से वंशावली से लेकर जमीन सर्वे से संबंधित सभी तरह के फॉर्म को डाउनलोड किया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति कहीं बाहर रहता है, तो वह इसके लिए ऑनलाइन आवेदन इस वेबसाइट के अलावा landsurvey. bihar. gov.in या dlrs.bihar. gov.in पर भी कर सकता है. सभी जानकारी ऑनलाइन भर सकते हैं. सर्वे की स्थिति और अपनेप्लॉट से जुड़ी अपडेट जानकारी सर्वे ट्रैकिंग एप पर देख सकते हैं.

सर्वे का समय सीमा तय

बिहार के 45 हजार गांवों में सर्वे का काम चल रहा है. इसके लिए समय सीमा तय कर ली गई है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से कराये जा रहे जमीन सर्वे की प्रक्रिया 360 दिनों मेंपूरी की जाएगी. इस लिए सभी प्रक्रियाओं के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. आम लोगों से दो बार 15-15 दिनों के लिए दावा-आपत्ति प्राप्त करने की समय सीमा तय की गई है. इन सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरी करने के बाद परिणाम प्रकाशित होगा. करीब एक वर्ष में सभी गांवों के जमीन सर्वे का परिणाम प्रकाशित करने का लक्ष्य है.

सरकारी दस्तावेज से होगा मिलान

रैयत या जमीन मालिक अपनी जमीन का जो भी प्रमाण या दस्तावेज सौंपेंगे, उनका मिलान सरकारी दस्तावेज से किया जाएगा. इसके बाद ही इन्हें अंतिम रूप से अपलोड किया जाएगा. अगर जमा किए गए दस्तावेजों में नाम, खेसरा-खाता संख्या समेत अन्य किसी चीज का मिलान सरकार के पास मौजूद दस्तावेज से नहीं होगा, तो इसे अपलोड नहीं किया जाएगा. संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना दी जाएगी कि वे अपनी जमीन का सही दस्तावेज प्रस्तुत करें. ऐसा नहीं करने पर पहले से मौजूद नाम चढ़ाया जाएगा.

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जमीन स्वामित्व के लिए ये प्रमाण जरूरी

जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़ा कोई भी दस्तावेजी प्रमाण देना होगा, जिससे यह साबित हो कि वह जमीन उसकी है. इसमें जमीन का खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज या जमीन के स्वामित्व से संबंधित अन्य कोई सरकारी दस्तावेज हो सकता है. अमूमन जमीन की प्रकृति के आधार पर इसके लिए तीन तरह के साक्ष्य होते हैं. इसमें पुश्तैनी जमीन का खतियान, खरीदी गई जमीन की डीड या रजिस्ट्री दस्तावेज तथा अगर जमीन सरकार से मिली हुई है तो इसका पर्चा या बासगीत पर्चा.

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