Bihar Land Survey: बिहार भूमि सर्वेक्षण टीम भी नहीं पढ़ पा रही दस्तावेज, रैयत बोले- भगवान भरोसे…

Bihar Land Survey: बिहार के कई जिलों में रैयत के पास पुराने जो भी दस्तावेज या जमीन से जुड़े हुए खतियान कागजात हैं, वह कैथी लिपि में लिखी हुई है. उस लिपि को जानने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं.

By Radheshyam Kushwaha | September 21, 2024 2:51 PM
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Bihar Land Survey: बिहार के 38 जिला के सभी 445 प्रखंडों में भूमि सर्वे का काम चल रहा है. 45130 गांवों में विशेष भू सर्वेक्षण से जुड़े हुए लोग इस काम को कर रहे हैं. लेकिन जमीन सर्वे में कैथी लिपि में लिखे गये दस्तावेज से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. रैयतों का कहना है कि बिहार भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि का ज्ञान ही नहीं है. बिहार भूमि सर्वेक्षण के लिए जिन अधिकारी और कर्मचारियों को लगया गया है, वे दस्तावेज पढ़ ही नहीं पा रहे है. इलाके में इस लिपि के जानकार भी नहीं मिल रहे हैं.

जानें जरूरी बातें

ऐसे में जमीन के दस्तावेज में लिखे गये तथ्यों की जानकारी प्राप्त करना एक बड़ी समस्या बन गया है. हालांकि सरकार की ओर से सर्वे टीम में लगे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. मालूम हो कि आजादी से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में जमीन का सर्वेक्षण हुआ था. उस समय जो खतियान या दस्तावेज बना था, वह कैथी लिपि में बनाया गया था. पुराने जो भी दस्तावेज या जमीन से जुड़े हुए खतियान कागजात हैं, वह कैथी लिपि में लिखी हुई है. उस लिपि को जानने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं. यही कारण है कि दस्तावेज में क्या लिखा हुआ है, यह जानकारी पाने के लिए लोग भटक रहे हैं.

ऑनलाइन रसीद काटने में हो रही परेशानी

इन दिनों ऑनलाइन भू लगान जमा करने में लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. सर्वर स्लो रहने के कारण वेबसाइट नहीं खुल रहा है. इससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जारी रजिस्टर 2 की रिपोर्ट ऑनलाइन देखने एवं भू लगान जमा करने में संबंधित लिंक खुलने में परेशानी हो रही है. यदि लिंक खुल भी जाता है तो आवेदन के साथ कागजात अपलोड करने में भी बहुत समय लग रहा है. भूमि सर्वेक्षण में लोगों को स्वघोषित वंशावली देनी है. लेकिन बिचौलिया व सक्रिय दलाल लोगों को बरगला कर वंशावली बनाने के नाम पर दो से तीन सौ रुपये तक ठग रहे हैं.

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कैथी लिपि का प्रशिक्षण कार्यक्रम

बेगूसराय संग्रहालय अध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने बताया कि बेगूसराय संग्रहालय में मई में कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसी समय बिहार सरकार के राजस्व विभाग द्वारा हमारे टीम से संपर्क किया गया था. हमारे कार्यक्रम में ही प्रशिक्षित दोनों प्रशिक्षकों को राज्य सरकार के जमीन संबंधी कर्मचारियों को कैथी लिपि प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पश्चिमी चंपारण के बाद दरभंगा एवं समस्तीपुर जिलों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. प्रीतम कुमार द्वारा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कैथी लिपि सर्टिफिकेट कोर्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. प्रीतम कुमार, समस्तीपुर जिला का निवासी है तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में कैथी लिपि में पीएचडी कर रहे हैं.

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