Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज के मामले इस वजह से अटक रहे, सरकार ने पेंडिंग केस निपटाने के लिए ढूंढा नया तरीका
Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से जारी जमीन सर्वे के दौरान कई तरह की परेशानियां आ रही है. दाखिल-खारिज के लगभग 6 लाख मामले अटके पड़े हैं जिस वजह से राज्य में जमीन से जुड़े काम अटक रहे हैं.
Bihar Land Survey: बिहार में जारी जमीन सर्वे के दौरान आ रही परेशानियों को कम करने के लिए सरकार अपने स्तर से कई तरह के कदम उठती है. सरकार लोगों को आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए समीक्षा भी करती है. इसी में पता चला है कि प्रदेश में अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के 6 लाख के आसपास मामले अटके पड़े हैं. जिस वजह से जमीन से जुड़े काम अटक रहे हैं और जमीन सर्वे में भी समय लग रहा है. इसी परेशानी को ख़त्म करने के लिए राजस्व विभाग ने नवंबर तक 4 लाख 70 हजार मामलों को निपटाने का आदेश दिया है.
दाखिल-खारिज किसे कहते हैं
जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने की प्रक्रिया को दाखिल-खारिज कहते हैं. फ़िलहाल इसी काम में बहुत देरी हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यभर में लगभग 6 लाख मामले अंचल कार्यालयों में लंबित पड़े हैं. विभाग के अनुसार सर्वे के दौरान आवेदनों में गलतियां होने की वजह से देरी हो रही है. पहले के नियम के मुताबिक इस गलती को अंचल अधिकारी खुद ठीक कर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब गलत आवेदन वापस आवेदक के पास भेज दिए जाते हैं, जिससे बहुत समय बर्बाद होता है.
सॉफ्टवेयर हुआ अपडेट
काम में हो रही देरी को ठीक करने के लिए राजस्व विभाग ने सॉफ्टवेयर में सुधार किया है ताकि अंचल अधिकारी आवेदनों में गलतियों को खुद ठीक कर सकें. नए आदेश में सभी अधिकारियों को नवंबर तक दो-तिहाई लंबित मामलों को निपटाने का आदेश दिया गया है.
दाखिल-खारिज के चलते सर्वे में भी देर
सर्वे के समय भू-मालिक अपनी जमीन की जानकारी नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि उनके पास जमीन के अपडेटड कागज़ात नहीं हैं. सरकार का उद्देश्य है कि जमीन के असली मालिकों की पहचान हो लेकिन दाखिल-खारिज में देरी से यह काम प्रभावित हो रहा है.
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