Bihar Land Survey: एक ज़मीन कई के नाम, जांच में सामने आया नाम और रजिस्टर-2 के पन्ने बदलने का खेल

Bihar Land Survey अंचल कार्यालय इन दिनों माफियाओं की गिरफ्त में हैं. अंचल कार्यालयों के राजस्व कर्मचारी अपनी मदद के लिए गैर कानूनी तरीके से बतौर मुंशी कई लोगों को बहाल किये हुये हैं.

By RajeshKumar Ojha | September 25, 2024 9:03 PM

Bihar Land Survey बिहार में जमीन सर्वे के दौरान कागजात खोजने के दौरान एक से एक नये खुलासे हो रहे हैं. ताजा मामला रजिस्टर-2 में गलत तरीके से नाम दर्ज होने सहित रजिस्टर-2 के पन्ने बदलने का सामने आया है. यह मामला कई जिलों के अंचलों का है. इसमें फिलहाल पटना, बक्सर, भोजपुर, भागलपुर, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, किशनगंज, मुंगेर, नवादा जिलों के बारे में पुख्ता जानकारी मिली है.

इसके पीछे मुख्य रूप से राजस्व कर्मचारियों द्वारा रखे गये निजी मुंशियों की पहुंच सभी गोपनीय दस्तावेजों तक होने और उनके द्वारा राजस्व दस्तावेजों में छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है. हालांकि राजस्व कर्मचारियों द्वारा निजी मुंशी रखे जाने की बात कई बार उठी है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने का खामियाजा अब आम लोग भुगत रहे हैं. रजिस्टर-2 में गलत तरीके से छेड़छाड़ के मामले में लोगों ने शिकायत भी की है. हालांकि ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें… Bihar Land Survey: बिहार से बाहर रहने वाले ऑनलाइन आवेदन में दिखा रहे दिलचस्पी, इतने ने किए अप्लाई

सूत्रों के अनुसार रजिस्टर-2 में गलत तरीके से छेड़छाड़ पुराने रैयतों के दर्ज नाम के साथ की गई है. कई मामलों में तो बिना जमीन की रजिस्ट्री या केवाला हुये की रैयतों का नाम बदल दिया गया है. नाम बदलने के लिए रजिस्टर-2 में कोई कारण नहीं बताया गया है, केवल पुराने रैयत का नाम काट कर उसके नीचे नाम लिख दिया गया है.

आश्चर्यजनक बात यह है कि इसी आधार पर नये जोड़े गये नाम की दाखिल खारिज कर भू-लगान रसीद भी काट दी गई है. हालांकि यह मामला अंचल कार्यालय के संज्ञान में लाने के बाद इसमें सुधार के लिए डीसीएलआर और एडीएम के कोर्ट में अपील का सुझाव दिया गया है. ऐसे ही एक मामले की जानकारी मिली है कि एडीएम कोर्ट में पिछले करीब चार साल से लंबित है, लेकिन न तो जमीन रिकॉर्ड में संशोधन हुआ और न ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हुई.

अंचल कार्यालयों में माफियाओं के सक्रिय होने का आरोप

सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामले होने के पीछे बड़ा कारण यह है कि अंचल कार्यालय इन दिनों माफियाओं की गिरफ्त में हैं. अंचल कार्यालयों के राजस्व कर्मचारी अपनी मदद के लिए गैर कानूनी तरीके से बतौर मुंशी कई लोगों को बहाल किये हुये हैं. इन मुंशी की पहुंच अंचल कार्यालय के सभी गोपनीय सरकारी दस्तावेजों तक आसानी है. ऐसी हालत में सरकारी दस्तावेजों का असुरक्षित होना लाजिमी है.

Next Article

Exit mobile version