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Bihar Land Survey: सरकार अब बंदोबस्ती नियमावली में करेगी संशोधन, रैयतों को मिल सकती है ये राहत

Bihar Land Survey: भूमि एवं राजस्व विभाग ने बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली, 2012 के नियम 3 (1) में संशोधन का प्रारूप तैयार किया है. देरी सिर्फ इस मुद्दे पर हो रही है कि नई समय सीमा क्या हो.

By Ashish Jha | September 26, 2024 2:08 PM
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Bihar Land Survey: पटना. बिहार सरकार बंदोबस्ती नियमावली में संशोधन करने पर विचार कर रही है. राज्य में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान धीरे-धीरे सरकार को भी जमीनी कठिनाइयों का पता चल रहा है और रैयतों को आ रही दिक्कतों का भी समाधान हो रहा है. भूमि एवं राजस्व विभाग ने बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली, 2012 के नियम 3 (1) में संशोधन का प्रारूप तैयार किया है. देरी सिर्फ इस मुद्दे पर हो रही है कि नई समय सीमा क्या हो.

बढ़ सकती है समय सीमा

जमीन से जुड़े कागजात जुटाने के लिए सरकार ने अभी तीन माह का समय दिया है, लेकिन अब और अधिक समय मिलने का रास्ता साफ हो रहा है. विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने पिछले सप्ताह कहा था कि कागजात जुटाने के लिए रैयतों को तीन महीने तक का समय दिया जाएगा. अब विभाग में एक राय यह आ रही है कि क्यों न इसे चार या साढ़े चार महीने तक बढ़ा दिया जाए. आकलन यह है कि एकबार स्वघोषणा पत्र वाला विवाद समाप्त हो जाए तो सर्वे अभियान सरपट बढ़ जाएगा. इसे अब तक की सबसे बड़ी बाधा के रूप में चिह्नित किया गया है।

क्या है नियमावली

अभी बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली, 2012 के नियम 3 (1) के तहत स्वघोषणा पत्र जमा किया जा रहा है. इसके अनुसार- अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से 30 कार्य दिवसों के भीतर स्व-घोषणा प्रस्तुत की जानी चाहिए. तथापि, विशेष परिस्थितियों में अवधि को 15 अतिरिक्त कार्य दिवसों तक बढ़ाया जा सकता है. इसी में प्रविधान है कि स्व-घोषणा के सत्यापन की अधिकतम अवधि प्राप्ति की तिथि से 15 कार्य दिवस होगी. यानी अभी 45 दिन का समय दिया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री की सहमति व कैबिनेट से मंजूरी जरूरी

नियमावली में संशोधन कार्यपालक आदेश से नहीं होगा. इसे राज्य कैबिनेट की स्वीकृति चाहिए. विभाग का प्रयास है कि प्रारूप जल्द से जल्द तैयार हो और उसे कैबिनेट की अगली बैठक में स्वीकृति के लिए भेज दिया जाए. नियमावली में संशोधन के किसी प्रारूप को मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति के आधार पर ही अंतिम रूप दिया जाएगा, क्योंकि विशेष भूमि सर्वेक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभियान है. वह इस पर बारीक नजर रखते हैं. विभाग की अंदरूनी तैयारी यह है कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सर्वे पूरा हो जाए. नीतीश कुमार ने कई बार यह संकेत भी दिया है.

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