Bihar Land Survey: आवेदन करें, कागजात बाद में भी दें, जमीन सर्वे से जुड़ी जानें A टू Z बातें

Bihar Land Survey: राज्य में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस काम में जोर-शोर से जुट चुका है. नये मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसे सभी जिला अधिकारियों को प्राथमिकता से लेने के निर्देश दिये हैं. भूमि सर्वेक्षण को लेकर एक ओर जहां लोगों की काफी जिज्ञासा है, जानकारी के अभाव में ग्रामीणों व भू-स्वामियों में डर भी है और साथ ही कागजात जुटाने को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है..

By RajeshKumar Ojha | September 8, 2024 5:35 AM

कृष्ण कुमार, पटना

Bihar Land Survey राज्य में जमीन सर्वे के लिए आवेदन रिजेक्ट होने के डर से आम लोग इस प्रक्रिया में धीरे-धीरे शामिल हो रहे हैं. वे चाहते हैं कि पूरा कागजात इकट्ठा होने पर ही ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करें, लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लोगों के इस डर को दूर करते हुए स्पष्ट कहा है कि लोग फिलहाल अपने पास मौजूद कागजात व दस्तावेजों के साथ आवेदन कर दें, बाद में छूटे कागजात भी जमा कर सकते हैं, इस दौरान आवेदन रिजेक्ट नहीं होगा.

यदि आप पढ़े-लिखे नहीं हैं तो वसुधा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. दरअसल सर्वे शुरू होने के साथ ही आवेदन की प्रक्रिया, इसमें लगने वाले कागजात, आवेदन रिजेक्ट होने का डर सहित एक साथ कई प्रकार की जिज्ञासा लोगों के मन में है. दरअसल जमीन सर्वे का मुख्य उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से डिजिटाइज्ड ऑनलाइन अधिकार अभिलेखों और मानचित्रों को तैयार करना है. इसका लक्ष्य भूमि संबंधी सभी सूचनाओं को इकट्ठा कर इसके सभी उपयोगकर्ताओं को सरल और उपयोगी सेवाएं देनी है.

भूमि सर्वेक्षण के मुख्य रूप से छह चरण तय किये गये हैं:
1. किस्तवार (नक्शा या मानचित्र बनाने) से पहले का काम : भूमि सर्वेक्षण से संबंधित अधिसूचना और घोषणा. रैयत द्वारा अपनी भूमि का ब्यौरा प्रपत्र-2 में सौंपना. अमीन द्वारा पूर्व के खतियान का सार तैयार करना.
2. किस्तवार : यह प्रक्रिया मुख्यतः नक्शा या मानचित्र निर्माण और इससे संबंधित कार्यों से जुड़ी है.
3. खानापुरी : नक्शा या मानचित्र के खेसरों के अनुसार उनके स्वामित्व का निर्धारण और सत्यापन.
4. सुनवाई : किस्तवार और खानापुरी के दौरान तैयार मानचित्र और अधिकार अभिलेख के प्रारूप से संबंधित रैयतों की आपत्ति या दावों की सुनवाई और उनका निष्पादन.
5. अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन और लगान निर्धारण: किस्तवार, खानापुरी और सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन और रैयतों के साथ लगान की बंदोबस्ती
6. अंतिम अधिकार अभिलेख के बाद की सुनवाई : अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के बाद आयी आपत्तियों की सक्षम प्राधिकार द्वारा सुनवाई और निष्पादन, साथ ही विभिन्न स्तरों पर उनको उपलब्ध कराया जाना.

अपना पक्ष रखने के मिलेंगे तीन अवसर

जमीन सर्वे के दौरान आम लोगों को अपना पक्ष रखने के तीन अवसर मिलेंगे. इसमें पहले अवसर के तौर पर यदि आवेदक के पास पूरे कागजात नहीं हैं, तो भी वे अपनी जमीन की स्वघोषणा कर सकते हैं. दूसरे अवसर के तौर पर आपके पास जमीन का कागजात पूरा होने पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के शिविरों में या फिर संबंधित अमीन को आने वाले समय में उन सभी कागजातों को दे सकते हैं.

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तीसरे अवसर के तौर पर दोनों अवसरो में मौका चूक जाने और सर्वे (रिकॉर्ड ऑफ राइट) के लिए जारी ड्राफ्ट प्रकाशन में आपका नाम नहीं होने पर या यदि आपको लगता है कि आपका पक्ष नहीं सुना गया है तो आप अपील कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान भी दस्तावेज पेश कर सकते हैं. यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है. यह जानना जरूरी है कि रिकॉर्ड ऑफ राइट से पहले ड्राफ्ट पब्लिश होता है. फिलहाल सर्वे खत्म होने की समयसीमा जुलाई 2025 है.

ये कागजात हैं जरूरी
जमीन सर्वे सभी का होगा. इसके लिए जमीन की रजिस्ट्री, जमीन से जुड़ी जमाबंदी की रसीद, खरीद-बिक्री से जुड़े सभी दस्तावेज, खतियान की नकल, जमीन का नक्शा, अगर पुश्तैनी संपत्ति है और जिसके नाम जमीन है, उनका निधन हो चुका हो तो उनका मृत्यु प्रमाण पत्र, जमीन को लेकर अगर कोई कोर्ट का आदेश है तो उसकी कॉपी, आवेदक का वोटर आइडी, आधार कार्ड की कॉपी मुख्य रूप से उपलब्ध कराने होंगे. सर्वे का कागजात अपलोड करने, अन्य सेवाओं सहित जानकारियों के लिए बेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in/services देखा जा सकता है.

इसी वेबसाइट पर आप अपने गांव में सर्वे की स्थिति, अमीन और कानूनगो की जानकारी, ग्राम सभा व शिविर की जानकारी भी देख सकते हैं. इसके लिए आपको बिहार विशेष सर्वेक्षण संबंधित सेवाएं क्लिक कर जिला, अंचल और मौजा चुनना होगा.

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