Bihar Land Survey: वंशावली में बहन और बुआ का नाम देना कितना जरूरी, पढ़िए क्या है लेटेस्ट अपडेट

Bihar Land Survey प्रपत्र 2 में रैयतों को अपनी जमीन का खाता, खेसरा, रकबा, और चारों तरफ की सीमाओं की जानकारी देनी होगी. प्रपत्र 3 (1) में रैयतों को अपनी स्व-घोषित वंशावली देनी होगी. अगर रैयत की बहनें हैं, तो उनका नाम वंशावली में शामिल करना अनिवार्य है.

By RajeshKumar Ojha | September 7, 2024 5:20 PM
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Bihar Land Survey बिहार में भूमि सर्वे का बड़ी तेजी से चल रहा है. इसको लेकर कई प्रकार की परेशानी हो रही है. इन परेशानियों को लेकर सरकार के अधिकारी प्रतिदिन बैठक कर रहे हैं, गांव में सभा कर उनकी समस्या का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रमें एक सवाल जो गांव में सबसे ज्यादा किए जा रहे हैं वो हैं कि क्या वंशावली में बहनों, बुआ का नाम देना जरूरी है.

इन सवालों के जवाब में दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में सर्वे से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के लोग शामिल हुए. बैठक में रैयतों से कहा गया कि वे 15 सितंबर तक अपनी जमीन से जुड़े कागजात जमा कर दें. कुशेश्वरस्थान प्रखंड कार्यालय में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी शहरेयर अंसारी ने रैयतों से कहा कि प्रपत्र 2 और प्रपत्र 3 (1) भरकर जमा करना अनिवार्य है.

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इन प्रपत्रों को ऑनलाइन या ऑफलाइन भरा जा सकता है. प्रपत्र 2 में रैयतों को अपनी जमीन का खाता, खेसरा, रकबा, और चारों तरफ की सीमाओं की जानकारी देनी होगी. प्रपत्र 3 (1) में रैयतों को अपनी स्व-घोषित वंशावली देनी होगी. अगर रैयत की बहनें हैं, तो उनका नाम वंशावली में शामिल करना अनिवार्य है. अंसारी ने स्पष्ट किया कि पैतृक जमीन के सर्वे के लिए वंशावली का पंजीकरण जरूरी नहीं है. पंचनामा या आपसी सहमति से बनी वंशावली भी मान्य होगी.

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इधर, औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड कार्यालय स्थित बहुउद्देशीय भवन में शनिवार को बीडीओ अवतुल्य कुमार आर्य ने पंचायत सचिव, ग्राम कचहरी सचिव और सरपंच के साथ बैठक कर लोगों को वंशावली बनाने को लेकर निर्देशित किया. बताया गया कि विहित प्रपत्र में वंशावली का निर्माण किया जाये.

उसके लिए आवश्यक मानदंड भी बताये गये. पंचायत सचिव को यह निर्देश दिया गया कि किसी भी परिस्थिति में वंशावली निर्माण में देरी नहीं होनी चाहिये. बीडीओ ने बताया कि पंचायती राज विभाग के प्राप्त पत्रानुसार वंशावली बनाये.

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इसके लिए पहली बार 10 रुपये का शुल्क निर्धारित किये गये हैं, अगर दूसरी बार बनेगा तो 100 रुपये शुल्क लगेंगे. सभी शुल्क ग्राम सेवक के पास जमा कर रसीद ले लेंगे. आवेदन लेने के बाद सात दिनों के अंदर जांचोपरांत ग्राम कचहरी सचिव को भेजेंगे. ग्राम कचहरी सचिव सरपंच को अग्रसारित करेंगे. सरपंच आम सूचना पत्र अपने कार्यालय पर चिपकायेंगे.

अगर किसी ग्रामीण को आपत्ति होती है तो एक सप्ताह के अंदर आवेदन सरपंच को दे सकते हैं फिर सरपंच द्वारा ग्राम सेवक को वापस कर दी जायेगी. मौके पर बीपीआरओ विनोद कुमार वर्मा, सरपंच देवेंद्र मिश्रा, परमानंद सिंह, सुशील सिंह, ऋषि सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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