बिहार में बढ़नेवाली है जमीन रजिस्ट्री की फीस, एमवीआर की समीक्षा के लिए सरकार ने गठित की कमेटी

Bihar Land Survey: साल 2013 में ग्रामीण और 2016 में शहरी इलाकों में एमवीआर की दर में बढ़ोतरी की गई थी. इस दौरान करीब 150 फीसदी दर में बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद से अब तक एमवीआर की दर में कहीं कोई बढ़ोतरी या बदलाव नहीं किया गया है.

By Ashish Jha | September 27, 2024 10:33 AM
an image

Bihar Land Survey: पटना. बिहार में जमीन की रजिस्ट्री महंगी होने जा रही है. सरकार ने 10 वर्षों बाद इसकी समीक्षा करने का फैसला किया है. इसके लिए एक कमेटी का भी गठन कर लिया गया है, जिसकी बैठक जल्द ही होगी. कमेटी की बैठक में समीक्षा की जायेगा कि जमीन निबंधन दर में बढ़ोतरी होगी या नहीं. वैसे पिछले एक दशक से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में माना जा रहा है कि कमेटी कुछ न कुछ बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकती है. वैसे इस पर अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है.

जल्द होगी कमेटी की बैठक

विभागीय जानकारी के अनुसार जमीन रजिस्ट्री शुल्क की समीक्षा के लिए निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव सह आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसकी महत्वपूर्ण बैठक जल्द ही होने जा रही है. इस बैठक में एमवीआर (निबंधन की न्यूनतम दर) की संभावित दर या चुनिंदा क्षेत्रों में अगर दर बढ़ोतरी की गुंजाइश बनती है, तो इस पर विचार किया जाएगा. सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के बाद यह कमेटी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इसके बाद राज्य सरकार अंतिम रूप से निर्णय करेगी कि एमवीआर की दर में बढ़ोतरी की जाए या नहीं. इस बार का प्रस्ताव सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद देने की तैयारी है.

Also Read: Bihar Land Survey : जमीन सर्वे के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे हो सकता है यह काम

2014 में बदला गया था कानून

वर्ष 2014 तक राज्य में प्रतिवर्ष एमवीआर की बढ़ोतरी का प्रावधान था. आमूमन 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने की परंपरा थी, परंतु 2014 में सरकार ने इसके प्रावधान में बदलाव कर दिया और यह आदेश निकाला कि एमवीआर में बढ़ोतरी राज्य सरकार के आदेश के बिना नहीं होगी. साल 2013 में ग्रामीण और 2016 में शहरी इलाकों में एमवीआर की दर में बढ़ोतरी की गई थी. इस दौरान करीब 150 फीसदी दर में बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद से अब तक एमवीआर की दर में कहीं कोई बढ़ोतरी या बदलाव नहीं किया गया है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान सिर्फ जिन ग्रामीण इलाकों को शहरी क्षेत्रों में तब्दील किया गया है, उनके एमवीआर में बदलाव करते हुए इसे संबंधित शहरी क्षेत्र के अनुरूप लागू किया गया है.

Exit mobile version