Bihar Land Survey: वंशावली बनाने में अब नो टेंशन, पूर्वजों के मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं, चाहिए बस ये जानकारी
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू है. इसको लेकर प्रशासन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इसके बावजूद लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. उनमें से एक बड़ा सवाल है कि क्या वंशावली में पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र का होना है.
Bihar Land Survey: पटना. बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू है. इसको लेकर प्रशासन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इसके बावजूद लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. उनमें से एक बड़ा सवाल है कि क्या वंशावली में पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र का होना है. मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए लोग नोटरी, अंचल कार्यालय का चक्कर लगा कर परेशान हो रहे हैं. लोगों को इसके लिए परेशान नहीं होना है. इस संबंध में भूमि एंव राजस्व विभाग का स्पष्ट कहना है कि जमीन सर्वे को लेकर भरे जाने वाले फॉर्म 3 1 में वंशावली में पूर्वजों की मृत्यु से संबंधित प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत नहीं है.
मुखिया या सरपंच से कराना होगा हस्ताक्षर
विभाग का कहना है कि वंशावली तैयार करने में पूर्वजों की मृत्यु के बारे में उल्लेख करना है. गांव के मुखिया या सरपंच के लिखने पर भी वह मान्य होगा. स्वघोषित वंशावली का फॉर्म जमा करने में पूर्वजों के नाम पर जमीन होने पर उनकी मृत्यु से संबंधित केवल जानकारी देनी है. सर्वेक्षण के दौरान घर-घर जानेवाले अमीन को केवल जानकारी देनी है. उन्हें मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मांगना है.
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बहन या बेटी से लेनी होगी सहमति
जिला प्रशासन के अनुसार जिनके नाम से जमीन है, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र उपलब्ध होने पर तिथि के साथ वंशावली में उल्लेख करना है. मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं होने की स्थिति में साल का जिक्र करना है. वहीं, वंशावली में बेटी-बहन का भी उल्लेख करना जरूरी है. नियमत: उन्हें भी हक मिलने का अधिकार है. न्यायालय ने भी इस पर सहमति जतायी है. बेटी या बहन के हिस्सा नहीं लेने पर उसकी लिखित रूप से सहमति देना अनिवार्य है. ऐसे व्यावहारिक पहलू में वंशावली में बेटी-बहन का उल्लेख नहीं होता है.