Bihar Land Survey किसानों की समस्या को लेकर बुधवार को किसान संघर्ष मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल जिला पदाधिकारी कैमूर सावन कुमार से मिला. मुलाकात में शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी को किसानों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया. वहीं मुलाकात के दौरान शिष्टमंडल ने डीएम को बताया कि सरकार द्वारा कराये जा रहे भू सर्वे में वंशावली की मांग की जा रही है, जिसमें वंशावली के साथ कोर्ट का शपथ पत्र भी मांगा जा रहा है. इससे किसानों के सामने कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है.
शिष्टमंडल द्वारा डीएम को यह भी बताया गया कि खतियान एवं अन्य कागजात जो भू सर्वे में लगाये जाने हैं, उसे भी लेकर किसानों को बार्गेनिंग का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही शिष्टमंडल द्वारा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे में किये गये भू अधिग्रहण में किसानों की जमीन का उचित मुआवजा दिलाने का भी डीएम से अनुरोध करते हुए आर्बिट्रेटर बहाल करने की मांग भी की गयी.
इधर, इस संबंध में किसान संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष विमलेश पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा किसानों की समस्या को गौर से सूना गया और आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है. यही नहीं, भू सर्वे के वंशावली के सवाल पर डीएम द्वारा बताया गया कि किसानों द्वारा दी जाने वाली वंशावली में कोर्ट का शपथ पत्र लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है.
उचित मुआवजा दिलाने की पहल
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए जिले में आर्बिट्रेटर बहाल करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. गौरतलब है कि भू सर्वे में किसानों के सामने बाप-दादा के समय के पुराने कागजातों को लेकर आने वाली समस्याओं और अन्य समस्याओं को लेकर एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी का शिष्टमंडल भी डीएम से मिल कर समस्याओं के दुरुस्त करने के लिए पहल करने की मांग की थी. इधर, किसान मोर्चा के शिष्टमंडल में डीएम से मिलने वालों में मोर्चा के महासचिव पशुपतिनाथ सिंह, सचिव अनिल सिंह, अभिमन्यु सिंह, भारतीय किसान यूनियन के संजय सिंह, संतोष पांडेय, रामाकांत पांडेय आदि शामिल रहे.